कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण अनेक लोगों के फाइनेंस गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं, जो लॉकडाउन, नौकरी खो बैठने और आमदनी में कमी के कारण एक से अधिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। लेकिन, टीकाकरण कार्यक्रम की रफ्तार तेजी पकड रही है और सरकार ने इस वर्ष के अंत तक सभी को टीका लगाने का लक्ष्य तय किया है। इस स्थिति के दौरान, अनेक लोग तत्काल वित्तीय कठिनाई को दूर करने के लिए शॉर्ट टर्म फंडिंग सुविधाओं की खोजबीन में लगे हैं। इस काम के लिए, आपके फिक्स्ड डिपॉजिट- तुरंत लिक्विडिटी की व्यवस्था करने में बहुत ही सहायक साबित हो सकते हैं। आप अपनी एफडी का प्रयोग इस कठिन समय में वित्तीय जरुरतों को पूरा करने के लिए एक से अधिक तरीकों से कर सकते हैं। यहां कुछ विकल्पों पर विचार किया गया है।
एफडी पर लोन या ओवरड्राफ्ट (ओडी) बैंकों से उधार लेने के सबसे तेज तरीकों में से एक है। आपके बैंक के नियमों और शर्तों के अधीन आपकी एफडी का इस्तेमाल ओडी सुविधा के तहत कोलैटरल (संपार्श्विक) के रूप में किया जाता है। खास तौर पर, बैंक एफडी की मौजूदा वैल्यू के 90% तक ओवरड्राफ्ट की अनुमति देते हैं और ओडी सुविधा पर ब्याज का दर आपकी कोलैटरल के रूप में रखी जाने वाली एफडी पर दिए जाने वाले ब्याज से 1-2% अधिक होता है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी एफडी पर 6% वार्षिक रिटर्न मिलता है, तो ओडी के लिए प्रतिवर्ष 7-8% का ब्याज लिया जाएगा।
एफडी के बदले में ओडी लेने का लाभ यह है कि जितनी राशि आप ओडी से इस्तेमाल करते हैं, सिर्फ उसी पर ब्याज चार्ज किया जाता है, और ब्याज की गणना दैनिक आधार पर की जाती है। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आप 8% प्रतिवर्ष की दर से बैंक से 1 लाख रुपए की ओडी की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं। आप अपने ओडी अकाउंट से 10,000 रुपए निकालते करते है, और इस राशि को 20 दिनों तक इस्तेमाल करते हैं, और फिर पैसा ओडी अकाउंट में जमा करवा देते हैं। इस स्थिति में बैंक द्वारा 10,000/- रुपये की राशि पर केवल 20 दिनों की अवधि के लिए ब्याज चार्ज किया जाएगा जो करीब 43/ रुपए होगा।
इसलिए, शॉर्ट टर्म जरुरतों के लिए एफडी के बदले में ओडी का उपयोग रेगुलर लिक्विडिटी इंस्ट्रुमेंट के रूप में किया जा सकता है। ओवरड्राफ्ट का एक अन्य लाभ यह है कि आपको मासिक ईएमआई ऑब्लिगेशन (दायित्व) की चिंता नहीं करनी पड़ती है। आप अपनी सुविधा के अनुसार बकाया राशि जमा करवा सकते हैं। लेकिन, इस बात की सलाह दी जाती है आप अपने ओडी ब्याज को हर महीने चुकता कर दें। ओडी की अवधि आपके लोन की मैच्योरिटी अवधि पर निर्भर करेगी। जब आप अपनी एफडी को रिन्यू करवाते हैं, तो आमतौर पर बैंक ओडी सुविधा को भी रिन्यू करने की सुविधा प्रदान करते हैं, और ओडी पर ब्याज दर को रिन्यू की गई एफडी की ब्याज दर के अनुसार रीएडजस्ट किया जाता है।
अगर आपकी लिक्विडिटी की जरुरत कुछ समय के लिए ही है, जैसे वेतन में देरी, भुगतान में देरी आदि, तो एफडी के बदले में ओडी उधार लेने का सबसे अच्छा तरीका साबित हो सकता है। एफडी के बदले में ओडी सुविधा को आसानी से ऑनलाइन बैंकिंग अकाउंट से प्राप्त किया जा सकता है, या आप अपने बैंक शाखा में जाकर लिखित फॉर्म भरकर भी ऐसा कर सकते हैं।
अगर आपकी जरुरत बड़ी है और आपको यह पता नहीं है कि आप कब इस लिक्विडिटी की समस्या से बाहर निकल पाएंगे, तो आप अपनी मौजूदा एफडी को समय से पहले बंद करने पर भी विचार कर सकते हैं। लेकिन अपनी एफडी को बन्द करने से पहले, आपको अपने बैंक द्वारा लिए जाने वाले पेनल्टी चार्ज को अवश्य जान लेना चाहिए। अलग-अलग बैंक पैनल्टी के लिए अलग राशि चार्ज करते हैं, लेकिन आमतौर पर यह 0.5% से 1% होती है, जिसे समय से पहले विथड्रावल करते समय फिक्स्ड डिपॉजिट पर लागू प्रभावी ब्याज दर में कम कर लिया जाता है।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आपने 1 लाख रुपए की एफडी 2 वर्ष की अवधि के लिए 6% वार्षिक ब्याज दर से करवाई है, जिसकी मैच्योरिटी पर आपको 1,12,649/- रुपए मिलेंगे। लेकिन 1 वर्ष के बाद, आपको अचानक पैसे की जरुरत पड़ती है और आप अपनी एफडी को समय से पहले बंद करवाने की प्लानिंग करते हैं। मान लें कि आपके बैंक की संबंधित कार्ड की ब्याज दर 5% है (अर्थात एफडी अकाउंट खोलते समय 1 वर्ष की अवधि की एफडी के लिए ब्याज दर या बुक किया हुआ रेट, जो भी कम हो) और समय से पहले एफडी को बंद करने के लिए पेनल्टी 0.5% है, तो अब प्रभावी ब्याज दर (5%-0.5%) 4.5% होगी और आपकी मैच्योरिटी वैल्यू 1,09,362 रुपए हो जाएगी, अगर आप 1 वर्ष के बाद अपनी 2-वर्षीय एफडी को समय से पहले बंद करवाते हैं। आपके 1 लाख रुपए के निवेश पर 12,649/- रुपये की तुलना में 9,362/- रुपए का ब्याज आप प्राप्त कर पाएंगे, जिससे आप अपनी जरुरत को पूरा कर सकते हैं।
हालांकि, एफडी को समय से पहले बंद करने से पहले, आपको अपने बैंक के नियमों और शर्तों के अनुसार कैलकुलेशन जरूर कर लेनी चाहिए। कुछ बैंक पूरे निवेश को लिक्विडेट किए बिना आंशिक विथड्रावल की अनुमति भी प्रदान करते हैं; इस सुविधा के बारे में आप अपने बैंक से पूछ सकते हैं। लेकिन एफडी को समय से पहले बंद करने का इस्तेमाल आपातस्थिति में लिक्विडिटी का समाधान करने के लिए आखिरी तौर पर ही करना चाहिए और यह लोन लेने की तुलना में एक बेहतर आइडिया साबित हो सकता है, जिसके लिए आपको अधिक ब्याज दर और प्रोसेसिंग चार्ज देने पड़ सकते हैं, और इसमें लंबा प्रोसेसिंग समय भी लग सकता है।
इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि आपकी आय को नार्मल होने में लंबा समय लगता है, तो इस प्रकार के लोन से आपके फाइनेंस और भी अधिक जटिल हो सकते हैं। साथ ही, आपको यह भी समझना चाहिए कि समय से पहले एफडी को बंद करने से आपके इसके साथ जुड़े वित्तीय लक्ष्य भी प्रभावित होते हैं; इसलिए, आपको यह सलाह दी जाती है कि जैसे ही आपके फाइनेंस स्थिर हो जाते हैं, आपको तत्काल जरूरी कदम उठा लेने चाहिए।
अगर आप अपनी नियमित खर्च की जरुरतों के लिए उधार लेने के बारे में सोच रहे हैं, तो आप अपनी मौजूदा एफडी पर क्रेडिट कार्ड सुविधा के बारे में अपने बैंक से बात कर सकते हैं। ये सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड, रेगुलर क्रेडिट कार्ड की तरह ही काम करते हैं। कार्ड के उपयोगकर्ता को इस्तेमाल की गई राशि को चुकाने के लिए आमतौर पर 50 दिनों की ब्याज रहित अवधि प्रदान की जाती है। लेकिन, नियत तारीख को बकाया राशि का भुगतान न करने पर, बैंक द्वारा 2% से 3% मासिक ब्याज चार्ज किया जा सकता है। आप ऐसी स्थितियों में अपनी एफडी पर क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं, जो आप ब्याज रहित क्रेडिट अवधि चाहते हैं। लेकिन आपको यह सलाह भी दी जाती है कि आपको ब्याज चार्जेस से बचने के लिए इस अवधि के भीतर ही अपनी बकाया राशि को अदा कर देना चाहिए।
अंत में, एफडी, निवेश इंस्ट्रुमेंट की तुलना में कही अधिक महत्वपूर्ण होती है- उनसे आपातस्थिति के दौरान लिक्विडिटी टूल के रूप में भी काम लिया जा सकता है। लेकिन अलग-अलग एफडी प्रोडक्टस और सुविधाओं के साथ जुड़े नियम और शर्तें, विभिन्न बैंकों के लिए अलग-अलग हो सकती हैं, और साथ ही यह बात भी सच है कि हाल ही में, महामारी में आर्थिक पतन के परिणामस्वरूप अधिकांश बैंकों ने अपनी एफडी की दरों में कमी की है। निवेशकों को कोई भी निर्णय लेने से पहले इन बातों पर सावधानी से विचार करने की सलाह दी जाती है।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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