देश के नामचीन अंबानी घराने के छोटे बेटे अनिल अंबानी की आर्थिक हालत खराब हो चुकी है, बताते हैं कि अब उन्हें अपने वकीलों की फीस भी गहने बेचकर भरनी पड़ रही है, ये बात अनिल अंबानी ने कोर्ट से कही है। कर्ज के बोझ से दबे अनिल अंबानी ने कोर्ट से कहा कि वो एक साधारण जीवन जी रहे हैं और वो सिर्फ एक कार का ही इस्तेमाल कर रहे हैं।
अनिल अंबानी ने ब्रिटेन की कोर्ट से कहा है कि 'वह एक साधारण जीवन जीते हैं और अपनी कानूनी फीस का भुगतान करने के लिए उन्हें अपने सारे गहने बेचने पड़े। उन्होंने कहा कि उन्हें जनवरी से जून 2020 के बीच उनके सभी गहनों के लिए 9.9 करोड़ रुपये मिले थे और अब उनके पास कुछ भी नहीं है,कुछ भी सार्थक नहीं।'
ToI में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक जब उनसे लक्जरी कारों के बेड़े के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा- 'ये सब मीडिया की कहानियां हैं। मेरे पास कभी भी रोल्स रॉयस का स्वामित्व नहीं है। वर्तमान में, मैं एक कार का उपयोग करता हूं।' 22 मई, 2020 को, ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने 12 जून 2020 तक तीन चीनी बैंकों को अंबानी को 716,917,681 डॉलर (5,281 करोड़ रुपये) और £ 750,000 (7 करोड़ रुपये) के कानूनी कर्ज का भुगतान करने का आदेश दिया था। । फिर, 15 जून को, चीनी बैंकों, इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ़ चाइना लिमिटेड के नेतृत्व में ने अपनी संपत्ति पर प्रकटीकरण आदेश मांगा।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक याचिका खारिज कर दी, जो रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी (Anil Ambani) के व्यक्तिगत दिवालियेपन की कार्यवाही (Bankruptcy proceedings) पर दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा स्टे लगाए जाने के खिलाफ दायर की गई थी। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने 6 अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट को इस मुद्दे पर विचार करने का निर्देश दिया है। जस्टिस हेमंत गुप्ता और एस. रवींद्र भट्ट की पीठ ने भी SBI को 27 अगस्त को हाईकोर्ट द्वारा पारित स्टे ऑर्डर में बदलाव करने की मांग करने की स्वतंत्रता दी। तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि आप अनिल अंबानी मामले पर बहस करने के लिए हाईकोर्ट वापस क्यों नहीं जाते?
बीते 27 अगस्त को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एक अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसमें उन्होंने मुंबई दिवालियापन ट्रिब्यूनल के आदेश पर स्टे लगा दिया था। पीठ ने कहा था कि कॉर्पोरेट देनदारों के खिलाफ कार्यवाही जारी रहेगी और साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार, SBI और अन्य से नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा था। पीठ ने अंबानी पर अपनी किसी भी व्यक्तिगत संपत्ति को बेचने या स्थानांतरित करने से भी रोक दिया था और मामले को 6 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था।
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