श्रमिकों को मजदूरी देने में असमर्थ कंपनियां कोर्ट में पेश करें अपनी बैलेंस शीट: सरकार

बिजनेस
भाषा
Updated Jun 04, 2020 | 15:48 IST

मजदूरों के हितों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि श्रमिकों को पूरा पारिश्रमिक देने में असमर्थ हैं तो कंपनी अपना बैंलेंस शीट पेश करे।

Employers unable to pay full wages to workers submit their balance sheets to the court:  Modi Govt 
'मजदूरी देने में असमर्थ कंपनियां पेश करें अपनी बैलेंस शीट' 
मुख्य बातें
  • मजदूरों को मजदूरी देने वाले निर्देश को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सही ठहराया
  • इन निर्देशों को 28 मई से वापस ले लिया गया
  • लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों के लिए एक अस्थाई उपाय था

नई दिल्ली : केन्द्र ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान निजी प्रतिष्ठानों को अपने श्रमिकों को पूरा पारिश्रमिक देने संबंधी 29 मार्च के निर्देश को उच्चतम न्यायालय में सही ठहराया है और कहा कि पूरा वेतन देने में असमर्थता व्यक्त करने वाले नियोक्ताओं को न्यायालय में अपनी ऑडिट की हुई बैलेंस शीट तथा खाते पेश करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत में दाखिल अपने हलफनामे में सरकार ने कहा है कि 29 मार्च का निर्देश लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों और श्रमिकों, विशेषकर संविदा और दिहाड़ी, की वित्तीय परेशानियों को कम करने के इरादे से एक अस्थाई उपाय था। इन निर्देशों को 28 मई से वापस ले लिया गया है।

निर्देश संविधान के अनुरूप- गृह मंत्रालय

न्यायालय के निर्देश पर गृह मंत्रालय ने यह हलफनामा दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि 29 मार्च के निर्देश आपदा प्रबंधन कानून के प्रावधानों, योजना और उद्देश्यें के अनुरूप था और यह किसी भी तरह से संविधानेत्तर नहीं है। सरकार ने इस अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निबटारा करने का अनुरोध करते हुए कहा कि उस अधिसूचना का समय खत्म हो चुका है और अब यह सिर्फ अकादमिक कवायद रह जाएगी क्योकि इन 54 दिनों का कर्मचारियों का दिया गया वेतन और पारिश्रमिक की राशि की वसूली की मांग करना जनहित में नहीं होगा।

अधिसूचना सिर्फ 54 दिन तक प्रभावी रही

सरकार ने कहा कि 25 मार्च से 17 मई के दौरान सिर्फ 54 दिन तक प्रभावी रही इस अधिसूचना के बारे में निर्णय करना न तो न्याय हित में होगा और न ही ऐसा करना जनहित में होगा। शीर्ष अदालत ने 26 मई को एक मामले की सुनवाई के दौरान केन्द्र को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।

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