वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार तीन महीने के लिए व्यवसायों, कर्मचारियों की सहायता के लिए 2,500 करोड़ रुपये की ईपीएफ सहायता प्रदान करेगी। कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) कर्मचारी और कंपनियों के अंशदान के लिए सरकार 2,500 करोड़ रुपए देगी, यह प्रोत्साहन योजना अगस्त तक के लिए बढ़ायी गई। 15 हजार से कम सैलरी वाले कर्मचारियों के ईपीएफ का पैसा अगस्त तक सरकार जमा करेगी।
यह योजना पहले मार्च, अप्रैल और मई के वेतन महीनों के लिए प्रदान की गई थी। अब यह समर्थन जून, जुलाई और अगस्त के वेतन महीनों के लिए यानी और तीन महीने तक बढ़ाया जाएगा।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत, वित्त मंत्री ने कहा कि नियोक्ता के 12 प्रतिशत और कर्मचारी योगदान के 12 प्रतिशत का भुगतान पात्र प्रतिष्ठानों के ईपीएफ खातों में किया गया। यह योजना 3.67 लाख प्रतिष्ठानों को 2,500 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी रिलीफ प्रदान करेगी, जिससे 72.22 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा।
इसके अलावा, मंत्री ने घोषणा की कि अगले तीन महीनों के लिए ईपीएफओ द्वारा कवर किए जाने वाले सभी प्रतिष्ठानों में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के वैधानिक पीएफ योगदान को मौजूदा 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। हालांकि, केंद्रीय और राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम नियोक्ता 12 प्रतिशत का योगदान जारी रखेंगे।
लोवर ईपीएफ योगदान की योजना उन कर्मचारियों पर लागू होगी जो पीएम गरीब कल्याण पैकेज और इसके विस्तार के तहत 24 प्रतिशत ईपीएफ सहायता के लिए पात्र नहीं हैं। इस योजना से ईपीएफओ के तहत आने वाले लगभग 6.5 लाख प्रतिष्ठानों को राहत मिलने और लगभग 4.3 करोड़ कर्मचारियों को लाभ मिलने का अनुमान है। यह तीन महीनों में नियोक्ताओं और कर्मचारियों को 6,750 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी प्रदान करेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज का ब्योरा देते हुए कहा कि आर्थिक पैकेज से वृद्धि को गति देने और एक आत्मनिर्भर भारत बनाने में मदद मिलेगी। नियोक्ताओं द्वारा सांविधिक पीएफ योगदान की दर को 12 प्रतिशत से कम कर 10 प्रतिशत किया गया, इससे उनके पास 6,750 करोड़ रुपए की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस संकट से चरमराई अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (12 मई) को 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। उसके बाद बुधवार (13 मई) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पैकेज के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पीएम ने इस पैकेज के जरिए भारत को आत्मनिर्भर बनाने का विजन रखा है।
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