नई दिल्ली:उत्तर प्रदेश स्थित कुशीनगर का अपना विशेष महत्व है, देश के टूरिस्ट मैप पर इसका खास स्थान है और देश विदेश से लाखों टूरिस्ट यहां आते हैं, इसको लेकर बुघवार को बड़ी खबर सामने आई जब केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में चौथे इंटरनेशनल एयरपोर्ट को मंजूरी दे दी,केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई गौरतलब है कि अब उत्तर प्रदेश के नोएडा, लखनऊ,वाराणसी के अलावा बाद अब कुशीनगर में भी एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा, सरकार के इस कदम से पूर्वांचल के विकास को पंख लगने की उम्मीद जताई जा रही है।
इससे पूर्व प्रदेश में दशकों से लम्बित जेवर एयरपोर्ट को केंद्रीय कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति प्रदान की थी। उत्तर प्रदेश में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में अभी दो एयरपोर्ट लखनऊ व काशी में संचालित हैं कहा जाता है कि लगभग 23 करोड़ आबादी वाले राज्य, उत्तर प्रदेश, में दो एयरपोर्ट पर्याप्त नहीं थे जिसके बाद अब कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय एयपोर्ट की मंजूरी से प्रदेश के विकास में तेजी आएगी और पर्यटन का क्षेत्र भी फलेगा फूलेगा।
गौरतलब है कि लखनऊ में साल 2018 में एक कार्यक्रम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुशीनगर हवाई पट्टी को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की घोषणा की थी जिसके बाद इस योजना पर स्थलीय निरीक्षण से लेकर और जरुरी काम किए गए और अब इसे मंजूरी दी गई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कैबिनेट का शुक्रिया अदा किया सीएम योगी ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में तथागत बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली, जनपद कुशीनगर में एक नए इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना के लिए मैं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
सीएम योगी ने कहा कि हम इस निर्माणाधीन एयरपोर्ट पर बहुत शीघ्र कार्य प्रारम्भ करके इसे इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में विकसित करेंगे,राज्य सरकार द्वारा 590 एकड़ लैंड पहले ही अधिग्रहीत की गई थी। लगभग ₹190 करोड़ की लागत से एयरपोर्ट निर्माण की प्रक्रिया जारी थी। प्रदेश सरकार ने अक्टूबर, 2019 में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ एमओयू भी साइन किया था।
इसके बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी थी कि आगे की कार्रवाई एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया करे।आज का दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, तथागत बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर हेतु वर्षों से इंटरनेशनल एयरपोर्ट की मांग की जा रही थी। यह मामला काफी दिनों से लम्बित पड़ा हुआ था।
कुशीनगर को अगर हम बौद्ध सर्किट की दृष्टि से देखें तो एक सेंटर प्लेस है। वहां से कुल 150 किलोमीटर की दूरी पर भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी है, उसी के निकट कपिलवस्तु भी है। भगवान बुद्ध ने सारनाथ में जहां प्रथम उपदेश दिया था, वह भूमि कुशीनगर से 200 किलोमीटर के दायरे में आती है। भगवान बुद्ध को जहां ज्ञान प्राप्त हुआ, वह बोधगया भी अधिक दूरी पर नहीं है इसलिए बौद्ध सर्किट का महत्वपूर्ण स्थल है कुशीनगर। कुशीनगर के पास कई अन्य बौद्ध स्थल मौजूद हैं जैसे श्रावस्ती (238 किमी), कपिलवस्तु (190 किमी) और लुम्बिनी (195 किमी)।
कुशीनगर एवं कसया बाजार उत्तर प्रदेश के उत्तरी-पूर्वी सीमान्त इलाके में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है। वर्तमान में यह कुशीनगर जिले के अन्तर्गत आता है। कुशीनगर का इतिहास काफी समृद्ध एवं गौरवशाली रहा है।यह बौद्ध तीर्थस्थल है जहाँ गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। यहाँ कई देशों के अनेक सुन्दर बौद्ध मन्दिर हैं। इस कारण से यह एक अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल भी है जहाँ विश्व भर के बौद्ध तीर्थयात्री भ्रमण के लिये आते हैं।
कुशीनगर का इतिहास अत्यन्त ही प्राचीन व गौरवशाली है। इसी स्थान पर महात्मा बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। प्राचीन काल में यह नगर मल्ल वंश की राजधानी तथा 16 महाजनपदों में एक था। चीनी यात्री ह्वेनसांग और फाहियान के यात्रा वृत्तातों में भी इस प्राचीन नगर का उल्लेख मिलता है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार यह स्थान त्रेता युग में भी आबाद था और यहां मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के पुत्र कुश की राजधानी थी जिसके चलते इसे 'कुशावती' नाम से जाना गया।
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।