नई दिल्ली: ईपीएफओ पेंशनरों के लिए खुशखबरी! कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पेंशन के लिए कम्यूटेड मूल्य के रिस्टोरेशन के चलते 105 करोड़ रुपए एरियर के साथ 868 करोड़ रुपए की पेंशन जारी की है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की सिफारिश पर सरकार ने श्रमिकों की लंबे समय से चली आ रही मांगों में से एक पेंशन के कम्यूटेड मूल्य की 15 साल के बाद बहाली की अनुमति देने का फैसला किया है।
इससे पहले कम्यूटड पेंशन की बहाली का कोई प्रावधान नहीं था और पेंशनरों को कम्यूटेशन आजीवन पेंशन कम मिलती रही। सरकार के इस फैसले से ईपीएफओ के 135 क्षेत्रीय कार्यालयों के जरिए देश भर में 65 लाख से अधिक ईपीएफओ पेंशनभोगियों को लाभ होगा। ईपीएफओ अधिकारियों और कर्मचारियों ने कोविद -19 संकट के बावजूद पेंशनरों के बैंक खाते में पेंशन का क्रेडिट सुनिश्चित करने के लिए मई 2020 के लिए पेंशन पैमेंट को प्रक्रिया लागू कर दिया।
सरकार ने फरवरी में इस बहाली को अधिसूचित किया था। ईपीएफओ पेंशनभोगियों को उनकी मासिक पेंशन के एक हिस्से को रिटायरमेंट के समय अग्रिम भुगतान में परिवर्तित करने का विकल्प दिया गया है। ईपीएस नियमों के अनुसार, एक ईपीएफओ सदस्य, जो 26 सितंबर, 2008 से पहले रिटायर हो गया, अपनी पेंशन का अधिकतम एक तिहाई हिस्सा एक साथ प्राप्त कर सकता है, जबकि बाकी दो तिहाई को मासिक पेंशन के रूप में उनके जीवनभर में भुगतान किया जाएगा। हालांकि, सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने पिछले साल 21 अगस्त को एक बैठक की थी, जहां उन्होंने 26 सितंबर, 2008 से पहले रिटायर होने वाले लोगों की पूर्ण मासिक पेंशन को बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। जिन्होंने 15 साल के बाद पेंशन कम्यूटेशन का विकल्प चुना था।
यह ध्यान देने योग्य बात है कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नौकरी देन वाले और कर्मचारियों को राहत देने के साधन के रूप में आत्मनिर्भक भारत पैकेज के हिस्से के रूप में नियोक्ता और कर्मचारियों दोनों के लिए ईपीएफ योगदान को 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने की घोषणा की। इससे कर्मचारियों की टेक एट होम सैलरी बढ़ गई है। हालांकि, ईपीएस योगदान (15,000 की सीलिंग के अधीन मजदूरी का 8.33%) को ईपीएफ योगदान के नियोक्ता के हिस्से से डायवर्ट कर दिया गया है। ईपीएफ योगदान को घटाकर 10% करने पर पेंशन योगदान और बेनिफिट्स में कोई असर नहीं पडे़गा।
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