नई दिल्ली : लोग किसी न किसी वजह से अपने जीवन में कई बार नौकरियां बदल लेते हैं। खासकर प्राइवेट सेक्टर में देखने को मिलता है कि कोई व्यक्ति आज इस कंपनी में काम कर रहा है तो कुछ दिनों या कुछ वर्षों के बाद दूसरी कंपनी या संस्थान में नजर आता है। ऐसे में उस व्यक्ति के संस्थान बदलने के साथ उसका पीएफ भी ट्रांसफर होता रहता है। लेकिन ग्रेच्युटी की राशि ट्रांसफर नहीं होती है। लेकिन अब कंपनी बदलने पर पीएफ की तरह ग्रेच्युटी ट्रांसफर का भी मौका मिल सकता है। आपको ग्रेच्युटी के लिए कंपनी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। एक कंपनी को छोड़कर दूसरे में ज्वाइन करने पर जिस तरह पीएफ का पैसा उस कंपनी ट्रांसफर हो जाता है। उसी तरह ग्रेच्युटी का पैसा भी ट्रांसफर हो जाएगा।
अब एक साल में मिलेगी ग्रेच्युटी!
पीएम द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज के बारे में विस्तार से बताते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि केंद्र सरकार जल्दी की श्रम कानून में सुधार करेगी। इसके तहत ग्रेच्युटी मिलने के लिए न्यूनतम समय एक साल तय होगा। वर्तमान में यह पांच साल है। लेकिन प्रस्तावित श्रम कोड में वर्तमान के 5 साल की स्थिति की जगह 1 साल सर्विस पूरी होने पर ग्रेच्युटी का प्रावधान किया गया है। इसके लागू होने पर इससे उन कर्मचारियों को फायदा होगा जो किसी कंपनी में 5 साल तक नौकरी करने से पहले ही छोड़ देते हैं। उन्हें नौकरी से निकाल दी जाती है। कानून में संशोधन होने के बाद किसी भी व्यक्ति ने किसी कंपनी में एक साल तक भी नौकरी की तो उसे ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा।
ग्रेच्युटी ट्रांसफर के प्रस्ताव पर विचार शुरू
सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्री की इस घोषणा के बाद, श्रम मंत्रालय ने अब नौकरियों में फेरबदल पर ग्रेच्युटी को भी ट्रांसफर करने के प्रस्ताव पर विचार करना शुरू कर दिया है। ऑथरिटी के एक अधिकारी के मुताबिक ग्रेच्युटी के मौजूदा कंस्ट्रक्शन को बदलने की तैयारी की जा रही है। पीएफ की तरह, ग्रेच्युटी योगदान का प्रस्ताव प्रत्येक महीने के बारे में सोचा जा रहा है। इसके अलावा, ग्रेच्युटी को कानूनी रूप से सीटीसी का एक हिस्सा होने का प्रस्ताव दिया जा सकता है। श्रम मंत्रालय ने प्रस्ताव पर काम शुरू कर दिया है।
पीएफ ट्रस्ट के तहत आएगी ग्रेच्युटी!
एम्प्लॉयर एसोसिएशन के साथ एक मीटिंग में इसका उल्लेख किया गया था। यह पीएफ ट्रस्ट के तहत ग्रेच्युटी ले जाने के लिए निर्धारित किया जा सकता है। ग्रेच्युटी प्राप्त करने का न्यूनतम समय एक वर्ष के लिए रखा जाएगा। अभी सिर्फ अस्थाई कर्मचारियों के लिए 1 साल की घोषणा की गई है। टैक्स बेनिफिट्स नए स्ट्रक्चर से कंपनियों को मिल सकता है। मंथली योगदान से कंपनियों को एक मुश्त राशि देने की जरूरत नहीं होगी।
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