नई दिल्ली: देशभर की कृषि उपज मंडियों को एक मंच पर लाकर किसानों को उनकी फसलों का वाजिब दाम दिलाने के मकसद से बनाए इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म ई-नाम से अब देश की 785 मंडियां जुड़ गई हैं और इस महीने के आखिर तक इसे बढ़ाकर 1000 करने का लक्ष्य है। देश के सात राज्यों मंे स्थित 200 नई मंडियों को शुक्रवार को राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) से जोड़ा गया। इस मौके पर यहां कृषि भवन में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि उपज के विपणन के लिए लगभग एक हजार मंडियां मई 2020 तक ई-नाम प्लेटफॉर्म से जुड़ जाएंगी।
उन्होंने इस मौंके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मूंगफली एवं मक्का में कुरनूल और हुबली की मंडियों के बीच लाइव ट्रेडिंग भी देखी। उन्होंने कहा कि किसानों के लाभ के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने संबंधी प्रधानमंत्री के विजन को जल्द ही साकार किया जाएगा।
ई-नाम प्लेटफॉर्म से जिन 200 नई मंडियों को जोड़ा गया है उनमें 94 राजस्थान की, 27 तमिलनाडु की, 25-25 गुजरात व उत्तर प्रदेश की, 16 ओडिशा की, 11 आंध्र प्रदेश की तथा 2 मंडियां कर्नाटक की हैं। उन्होंने कहा कि यह देशभर में 415 नई मंडियों को एकीकृत करने या जोड़ने के मार्ग में पहला मील का पत्थर है। पहली बार कर्नाटक राज्य को ई-नाम राज्यों की सूची में जोड़ा गया है।
अंतिम छोर पर मौजूद किसान तक पहुंचने और अपनी कृषि उपज बेचने के तरीके को बदलने के उद्देश्य से ई-नाम ने इन नई मंडियों के और भी अधिक किसानों एवं व्यापारियों तक पहुंच बनाकर आज और भी ज्यादा मजबूती हासिल कर ली है। 16 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 585 मंडियां पहले से ही जोड़ दी गई हैं और वे बाकायदा काम कर रही हैं। इन नई मंडियों सहित 785 मंडियां इस प्लेटफॉर्म से जुड़ गई हैं। शीघ्र ही इनकी संख्या एक हजार हो जाएगी। इस अवसर पर तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने निरंतर इस तरह के कदम उठाकर पारदर्शिता की मिसाल कायम की है। ई- नाम पर 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हो चुका है।
किसानों के लिए कृषि उत्पादों के विपणन को आसान बनाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल 2016 को 21 मंडियों के साथ की थी, जिसके बाद अब तक कुल 785 मंडियां इस मंच से जुड़ चुकी हैं।
इस मौके पर कृषि भवन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चैधरी और कृषि मंत्रालय में सचिव संजय अग्रवाल मौजूद थे, जबकि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री पुरषोत्तम रूपाला और विभिन्न राज्यों के मंडियों के पदाधिकारी व अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम से जुड़े थे।
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