नई दिल्ली : इनकम टैक्स विभाग ने मंगलवार को विभिन्न टैक्स संबंधी अनुपालन के लिए समयसीमा बढ़ा दी। इसमें ‘एक्वलाइजेशन’ शुल्क और धन प्रेषण से जुड़े ब्योरा शामिल हैं। ‘एक्वलाइजेशन’ शुल्क भारत से प्रवासी सेवा प्रदाताओं को होने वाली इनकम पर काटा जाने वाला टीडीएस है। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए फॉर्म -1 में इक्वलाइजेशन शुल्क ब्योरा दाखिल करने की समयसीमा 30 जून की मूल नियत तारीख से 31 अगस्त तक बढ़ा दी गई है।
इसी प्रकार, अप्रैल-जून तिमाही के लिए किए गए प्रेषण के संबंध में अधिकृत डीलरों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले फॉर्म 15सीसी में त्रैमासिक विवरण अब 31 अगस्त तक फाइल किए जा सकते हैं। यह ब्योरा जमा करने की मूल तिथि 15 जुलाई थी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि टैक्सपेयर्स और अन्य पक्षों ने कुछ फॉर्मों के इलेक्ट्रॉनिक रूप से भरे जाने को लेकर समस्या होने की बात कही थी। इसको देखते हुए इन फॉर्मों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से भरे जाने की समयसीमा बढ़ाने का फैसला किया गया है।
इसके अलावा, कुछ फॉर्म की ई-फाइलिंग के लिए सुविधाओं की अनुपलब्धता को देखते हुए, सीबीडीटी ने पेंशन फंड और सरकारी संपत्ति कोष द्वारा सूचना से संबंधित फॉर्म को इलेक्ट्रॉनिक रूप से दाखिल करने की नियत तारीखों को बढ़ाने का फैसला किया है।
नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के भागीदार शैलेश कुमार ने कहा कि नए इनकम टैक्स पोर्टल में तकनीकी गड़बड़ियों को देखते हुए टैक्सपेयर्स को इस तरह की समयसीमा का अनुपालन करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था और कई करदाता नियत तारीख के भीतर अनुपालन भी नहीं कर सके।
उन्होंने कहा कि टैक्स संबंधी अनुपालन के लिए समयसीमा बढ़ाए जाने से टैक्सपेयर्स को काफी राहत मिलेगी। साथ ही यह उन्हें इनकम टैक्स पोर्टल में तकनीकी गड़बड़ियों के कारण पहले की समयसीमा का पालन नहीं कर पाने को लेकर दंडात्मक कार्रवाई से भी बचाएगा।
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