सख्त हुआ भारत, चीन से आने वाले 63 हजार लोगों को समुद्र में ही रोका, बंदरगाहों के पास खडे़ हैं 20 हजार जहाज 

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भाषा
Updated May 03, 2020 | 18:13 IST

भारत ने चीन से आने वाले 20 हजार जहाजों पर सवार 63 हजार लोगों को अपने बंदरगारों पर अभी तक उतरने नहीं दिया। 

India became tough, stopped 63 thousand people coming from China, 20 thousand ships are standing near the ports
भारत ने चीन के जहाज को समुद्र में ही रोका 

नई दिल्ली : पिछले तीन महीने में बाहर से आए करीब 20 हजार जहाजों पर सवार चालक दल के सदस्यों और यात्रियों को भारतीय बंदरगाहों पर अब तक नहीं उतरने दिया गया है। इन जहाजों में यात्रियों और चालक दल के सदस्यों समेत करीब 63 हजार लोग सवार हैं। इन्हें 30 अप्रैल तक भारतीय जमीन पर पांव रखने नहीं दिया है। नौवहन मंत्रालय के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 27 जनवरी से 30 अप्रैल तक भारतीय बंदरगाहों पर बाहर से करीब 1,990 जहाजों ने लंगर डाला है। इनें से अधिकांश जहाज चीन से आए हैं।

1990 जहाजों पर सवार होकर भारत पहुंचे
अधिकारी ने कहा कि कुल 62,948 चालक दल और यात्री लगभग 1,990 जहाजों पर सवार होकर भारत पहुंचे हैं, जिनमें से ज्यादातर चीन से आए हैं। इन सभी की डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के निर्देशों के अनुसार थर्मल स्कैनिंग की गई है। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लागू प्रोटोकॉल के तहत इन लोगों को तटीय पास या दैनिक पास जारी नहीं किए गए हैं। इसके साथ ही आयात-निर्यात के कार्गो को सावधानी से चढ़ाया-उतारा गया है। 

 63,000 लोगों में से 56,000 लोग प्रमुख बंदरगाहों पर पहुंचे
कुल 1,990 जहाजों में से 1,621 जहाज प्रमुख बंदरगाहों पर पहुंचे हैं। इन्हें आयात-निर्यात के कार्गो उतारने के लिए इन बंदरगाहों पर तय किए गए स्थानों पर लंगर डालने की इजाजत दी गई है। इन जहाजों पर सवार 63,000 लोगों में से 56,000 लोग प्रमुख बंदरगाहों पर पहुंचे हैं।

भारत में 12 प्रमुख बंदरगाह 
भारत में 12 प्रमुख बंदरगाह हैं। इनमें दीनदयाल (पुराना नाम कांडला), मुंबई, जेएनपीटी, मोरमुगांव, न्यू मंगलौर, कोचिन, चेन्नई, कामराजार (पुराना नाम एन्नोर), वी ओ चिदंबरनार, विशाखापत्तनम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया सहित) शामिल हैं। इन बंदरगाहों ने 2019-20 में लगभग 70.5 करोड़ टन (MT) कार्गो को चढ़ाया-उतारा। 

संचालन बनाए रखने के लिए उठाए गए कई कदम 
नौवहन मंत्रालय ने बंदरगाहों का सुचारू संचालन बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें किराये में छूट देना शामिल है। सरकार ने सभी प्रमुख बंदरगाहों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि किसी भी उपयोगकर्ता (व्यापारी, शिपिंग लाइन, कंसेसनरीज, लाइसेंसी आदि) से कोई जुर्माना, शुल्क, किराया आदि नहीं लिया जाए।

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