Indian Railways Unique initiative : भारतीय रेलवे ने कोरोना वायरस महामारी को अवसर में बदल दिया है। इस दौरान रेलवे ने कई कीर्तिमान हासिल किए हैं। समय पर ट्रेनों गंतव्य तक पहुंचाया। शेषनाग नाम से 2.8 किलोमीटर लंबी ट्रेन चाई। पहली बार पार्सल ट्रेन बांग्लादेश भेजी गई। अब भारतीय रेलवे ने ऊर्जा बचत पर ध्यान दिया है। ऊर्जा संरक्षण में भारतीय रेल की अनूठी पहल की वजह से ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर आने पर जलेंगी 100% लाइट्स, और जाने पर 50% लाइट्स स्वतः बंद हो जाएंगी। ऊर्जा की होगी बचत, कम होगी खपत। पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर, भोपाल और नरसिंहपुर स्टेशन पर यह व्यवस्था शुरू की गई है।
गौर हो कि इससे पहले रेलवे ने ऊर्जा बचत के लिए और आत्मनिर्भर बनने के लिए डीजल इंजनों को बिजली इंजनों में तब्दील करना शुरू कर दिया। एक सीनियर अधिकारी ने मुताबिक रेलवे ने अभी तक 3 डीजल इंजनों को एलेक्ट्रिक इंजनों में तब्दील किया है और इसमें से प्रत्येक में करीब 2 करोड़ रुपए की लागत आई है। रेलवे का यह कदम भारतीय रेल का पूर्ण रूप से विद्युतीकरण करने की दिशा में एक कदम है। इससे हर साल करीब 2.83 अरब लीटर ईंधन की खपत घट जाएगी।
हाल ही में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने कहा कि इस योजना के नफा-नुकसान का पता लगाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। यादव ने कहा कि हमने इस बारे में पता लगाने के लिये एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है कि क्या डीजल इंजनों को एलेक्ट्रिक इंजनों में तब्दील करना आर्थिक और टैक्नोलॉजी रूप से की जाने वाली सर्वाधिक व्यवहार्य चीज होगी। उन्होंने कहा कि जिन डीजल इंजनों को एलेक्ट्रिक इंजनों में तब्दील किया गया है वे बहुत पुराने हैं और वे करीब 5-6 साल ही उपयोग में लाए जा सकते थे। उन्हें तब्दील किए जाने पर उन्हें और 5-10 साल उपयोग में लाया जा सकेगा। साथ ही, अभी हम 12,000, 9,000 हॉर्स पावर (एचपी) क्षमता के डीजल इंजनों का उपयोग कर रहे हैं तथा पुराने इंजन करीब 4,500 एचपी के हैं। हम इन्हें तब्दील किए जाने के नफा-नुकसान का आकलन करने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समिति के 15 अगस्त तक रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है।
रेलवे ने 2018 में कहा था कि वह डीजल इंजन के समूचे बेड़े को उनके नवीनीकरण में आने वाली आधी से भी कम लागत में एलेक्ट्रिक इंजन में तब्दील करने के एक मास्टर प्लान पर काम कर रहा है। पिछले साल फरवरी में पीएम मोदी ने वाराणसी में इस तरह से तब्दील किए गए प्रथम रेल इंजन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था, जिसे रेलवे ने डीजल इंजन से एलेक्ट्रिक इंजन में तब्दील किया गया दुनिया का पहला रेल इंजन बताया था।
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