नई दिल्ली : अमेरिका सरकार की प्रतिभूतियों में भारत का निवेश फरवरी, 2020 में 13 अरब डॉलर बढ़कर 177.5 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। पिछले एक साल यानी फरवरी, 2019 से अमेरिकी प्रतिभूतियों में भारत के निवेश में 33.2 अरब डॉलर का जोरदार इजाफा हुआ है। अमेरिका के वित्त विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार एक माह के दौरान अमेरिकी प्रतिभूतियों में भारत के निवेश में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।
जापान का सबसे ज्यादा निवेश
भारत पिछले साल नवंबर से अमेरिकी प्रतिभूतियों में अपना निवेश लगातार बढ़ा रहा है। उस समय यह 159.2 अरब डॉलर था। अमेरिकी प्रतिभूतियों में सबसे ज्यादा 1,268 अरब डॉलर का निवेश जापान का है। उसके बाद 1,092 अरब डॉलर के साथ चीन का नंबर आता है। ब्रिटेन 403.2 अरब डॉलर के साथ अच्छे-खासे अंतर से तीसरे स्थान पर है।
भारत 13वें स्थान पर
भारत इस सूची में 13वें स्थान पर है। जनवरी के अंत तक भारत के पास अमेरिका सरकार की 164.3 अरब डॉलर की प्रतिभूतियां थीं। यह उस समय का उच्चस्तर था। इससे पहले दिसंबर में भारत के पास 162 अरब डॉलर की प्रतिभूतियां थीं। रिजर्व बैंक इन बांडों की खरीद करता है। अमेरिका का वित्त विभाग विभिन्न देशों की प्रतिभूतियों में हिस्सेदारी के आंकड़े जारी करता है।
भारत से आगे ये देश
ब्राजील 285.9 अरब डॉलर के साथ चौथे, आयरलैंड 282.7 अरब डॉलर के साथ पांचवें, लग्जमबर्ग 260.8 अरब डॉलर के साथ छठे, हांगकांग 249.8 अरब डॉलर के साथ सातवें, स्विट्जरलैंड 243.7 अरब डॉलर के साथ आठवें, केमन आइलैंड 219.4 अरब डॉलर के साथ नौवें और ताइवान 201.9 अरब डॉलर के साथ दसवें स्थान पर है। सऊदी अरब इस सूची में 11वें स्थान पर है। उसके पास 184.4 अरब डॉलर की प्रतिभूतियां हैं।
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