नई दिल्ली: पैसा कमाने के लिए अक्सर लोगों को बचत खाते या एफडी में अपने बचत के पैसे रखने की जरूरत महसूस होती है। इसके लिए निवेश की जरूरत होती है जिसमें फायदा तो ज्यादा होता है लेकिन एफडी और बचत खाते की अपेक्षा खतरा भी ज्यादा होता है। जोखिम लेने के लिए तैयार निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड एसआईपी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। लेकिन इसके लिए सही योजना की भी जरूरत होती है।
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, जिसे आमतौर पर एसआईपी के तौर पर जाना जाता है। इसमें आपको नियमित रूप से अपनी पसंदीदा म्यूचुअल फंड योजना में एक निश्चित धनराशि का निवेश करना होता है। यह नियमित अंतराल पर पहले से तय की गई राशि का निवेश करने का एक नियोजित तरीका है। निवेश की राशि 500 रुपए भी हो सकती है। एसआईपी में निवेश से आपको समय पर बेहतर रिटर्न बनाने में मदद मिल सकती है। लेकिन एसआईपी लेने से पहले कुछ बातों को ध्यान रखना जरूरी है।
यहां जानिए उन पहलुओं के बारे में, जिन्हें आपको SIP चुनते समय ध्यान में रखना होगा:
1. ठोस निवेश का इरादा रखें: लोगों की सबसे बड़ी गलतियों में से एक है कि टैक्स बचाने के लिए या बाजारों में कुछ अतिरिक्त नगदी रखने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना। हालांकि, म्यूचुअल फंड टैक्स बचाने में आपकी मदद करने की तुलना में ज्यादा फायदा पहुंचा सकते हैं। एक उचित निवेश रणनीति के साथ, SIP आपके वित्तीय लक्ष्यों (अल्पावधि या दीर्घकालिक) को प्राप्त करने में आपकी सहायता कर सकता है। इसलिए, इससे पहले कि आप एसआईपी में निवेश करें, एक ठोस वित्तीय योजना बनाएं।
पहले अच्छी तरह समझ लें आप क्या निवेश कर रहे हैं और क्या आप लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं या थोड़े समय के लिए? इसके अलावा, एसआईपी शुरू करने से पहले जोखिम लेने की अपनी क्षमता को भी परख लें।
2. फंड का चयन: सही एसआईपी योजनाओं का चयन करने के लिए, आपको यह समझने के लिए विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंडों को जानना होगा कि आपके लिए क्या उपयुक्त है। उदाहरण के लिए: यदि आप जोखिम से डर रहे हैं और रिटर्न की गारंटी चाहते हैं तो डेट फंड आपके लिए सही विकल्प होगा। आप इंटरनेट पर अलग अलग तरह के फंड के बारे में जानकारी पा सकते हैं।
3. फंड प्रदर्शन की समीक्षा: निवेश के लिए सबसे अच्छा एसआईपी चुनने से पहले, फंडों के रिटर्न के पुराना परफॉरमेंस देखना बेहद जरूरी है। पिछले कुछ महीनों के प्रदर्शन को देखते हुए फंड की गुणवत्ता जानना पर्याप्त नहीं है। पिछले 5 से 10 सालों के रुझानों को देखने और फंडों में तुलना करने के लिए यह समझने की सलाह दी जाती है कि आप बाजार की अस्थिरता का सामना कर सकते हैं या नहीं, साथ ही यह समझ लें कि क्या यह आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप है।
4. फंड हाउस चुनें: बहुत सारे लोग यह भूल जाते हैं कि फंड हाउस चुनना उतना ही जरूरी है जितना फंड चुनना। एसआईपी शुरू करने से पहले, आपको अपने फंड हाउस द्वारा दी जाने वाली योजनाओं को जानना होगा। आप अलग-अलग विवरण जैसे निवेश का नजरिया, प्रस्तावित योजनाओं की संख्या और बहुत कुछ देख सकते हैं। फंड हाउस द्वारा किए गए निर्णय आपको ज्यादा रिटर्न देने में मदद कर सकते हैं। दूसरी तरफ, फंड हाउस का एक गलत फैसला भारी वित्तीय नुकसान दे सकता है और संभावित रूप से आपके सभी निवेश खो सकते हैं।
5. व्यय का अनुपात (एक्सपेंस रेशियो): किसी फंड के व्यय अनुपात को जानना महत्वपूर्ण है क्योंकि उच्च एक्सपेंस रेशियो वाले फंड लंबे समय में आपके फंड के प्रदर्शन को नीचे गिरा सकते हैं। इससे पहले कि आप अपना पैसा किसी फंड में डालें, याद रखें कि कम खर्च अनुपात वाले फंड एक बेहतर विकल्प हैं क्योंकि, लंबे समय में, एक छोटा प्रतिशत अंतर भी ज्यादा लाभ दे सकता है।
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