नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कर्मचारियों को जल्द ही खास तोहफा मिलने की उम्मीद है। दरअसल वित्त मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर पिछले साल अप्रैल में 50 लाख कर्मचारियों और 61 लाख केंद्रीय पेंशनभोगियों के डीए में वृद्धि पर 30 जून 2021 तक के लिए रोक लगा दी थी। चूकि एक साल पूरा हो चुका है ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही मंहगाई भत्ते में वृद्धि होगी। अगर डीए में एरियर भी मिलता है तो इससे लाखों केंद्रीय कर्मचारियों तथा पेंशनरों को बडा फायदा हो सकता है।
कांग्रेस की मांग
कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार को सरकारी कर्मचारियों और सैनिकों को उस महंगाई भत्ते के बकाये का एक जुलाई से पूरा भुगतान करना चाहिए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि कोविड महामारी में भी देश सेवा में जुटे कर्मचारियों का साहस बढ़ाने की बजाय केंद्र सरकार उनकी मेहनत की कमाई छीनने में लगी है। उन्होंने कहा, ‘सैनिकों, सरकारी कर्मचारियों व पेंशनभोगियों से 37,500 करोड़ रुपये की लूट करना अपराध है।’
क्या होता है मंहगाई भत्ता
यह एक ऐसी धनराशि है जो सरकारी कर्मचारियों को उनके रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रदान की जाती है। यह धनराशि इसलिए दी जाती है ताकि महंगाई बढ़ने के साथ कर्मचारियों के जीवन-यापन के स्तर में कोई दिक्कत ना हो। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में कार्यरत तथा केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों को यह पैसा दिया जाता है। इस भत्ते की गणना मौजूदा महंगाई के आधार पर हर 6 महीने में की जाती है। यह भत्ता शहरी, ग्रामीण या अर्धशहरी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग हो सकता है।
आयकर के दायरे में आती है कमाई
वहीं डीए की बात करें तो इसको जानने के लिए आपको मूल वेतन (Basic Salary) को चैक करना होगा क्योंकि इसके आधार पर ही मंहगाई भत्ते की गणना होती है। यह भत्ता टैक्स के दायरे में आता है और आयकर देते समय इसकी जानकारी भी देनी होती है। यानि जितनी भी धनराशि आपको महंगाई भत्ते के रूप मिलती है वह आयकर के दायरे में आती है।
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