Gold Purity Dhanteras: देश में दिवाली (Diwali) और धनतेरस (Dhanteras) के मौके पर सोना खरीदना (Buy Gold) बेहद शुभ माना जाता है। इस मौके पर अक्सर लोग त्योहारों में दुकानों में लगी सेल देखकर जल्दबाजी में सस्ते में सोना खरीद लेते हैं और फिर ठगी के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में अगर आप भी आज धनतेरस के मौके पर सोना खरीदने वाले हैं, तो पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि वह शुद्ध है या नहीं। पूर्व में कई ऐसे मामले आए हैं जब ज्वैलर्स ने सोने के नाम पर ग्राहकों को ठगा है। ज्वैलर्स उपभोक्ताओं को ज्यादा शुद्धता वाले सोने के दाम पर कम शुद्धता वाला सोना बेच देते हैं।
सोने की शुद्धता जांचने के लिए गोल्ड हॉलमार्किंग (Gold Hallmarking) के बारे में जानना जरूरी है। गोल्ड हॉलमार्किंग के तहत भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ज्वैलरी पर अपने मार्क के द्वारा शुद्धता की गारंटी देता है। अगर आप सोना खरीद रहे हैं और उस पर हॉलमार्क का निशान नहीं है, तो कोई गारंटी नहीं है कि वह शुद्ध हो।
कैसे होगी हॉलमार्किंग की पहचान?
हॉलमार्किंग की पहचान करने के लिए चार चिह्न होते हैं। अगर इन चारों में से एक भी निशान ज्वैलरी पर नहीं होगा, तो समझ लें कि ज्वैलर आपको जो सोना बेच रहा है, उसकी शुद्धता प्रमाणित नहीं है। ऐसे में वह आपको ठग भी सकता है। आइए जानते हैं ये चार मार्क कौन से हैं-
उदाहरण से समझें कैरेट से कैसे पता चलती है सोने की शुद्धता
14 कैरेट वाले सोने में 58.50 फीसदी सोना होता है। 18 कैरेट वाले सोने में 75 फीसदी सोना होता है और 22 कैरेट वाले सोने में 91.60 फीसदी सोना होता है। उदाहरण से समझें, तो एक कैरेट सोने का मतलब होता है 1/24 गोल्ड। अगर आपको 22 कैरेट का सोना खरीदना है, तो 22 को 24 से भाग कर उसे 100 से गुणा करें। (22/24)x100= 91.60
हर कैरेट के लिए अंकित किया जाता है हॉलमार्क नंबर
हर कैरेट के लिए सोने में हॉलमार्क नंबर अंकित किया जाता है। 22 कैरेट के लिए 916 नंबर का उपयोग किया जाता है। 18 कैरेट के लिए 750 और 14 कैरेट के लिए 585 नंबर का इस्तेमाल होता है। इन अंकों के जरिए आप पहचान सकते हैं कि सोना कितने कैरेट का है।
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