नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट आज (13 अक्टूबर) 2 करोड़ रुपए तक के लोन पर मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज (चक्रवृद्धि) माफ करने की अर्जी पर फिर सुनवाई कर रहा है। इस मामले में बड़ा फैसला आ सकता है। ईएमआई चुकाने वालों को राहत मिल सकता है। शीर्ष कोर्ट ने इस मामले में पिछली सुनवाई के दौरान अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र को एक सप्ताह का समय दिया था। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की 3-जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और आरबीआई द्वारा दायर की गई प्रतिक्रिया पर असंतोष व्यक्त किया था क्योंकि उन्होंने जबाव में कामत कमिटी की सिफारिश और उस पर कार्रवाई को शामिल नहीं किया था। कोर्ट ने कामत कमिटी की सिफारिशों पर केंद्र से स्पष्ट जबाव मांगा खा। सरकार ने कहा था कि वह अगस्त के अंत तक छह महीने के लिए 2 करोड़ तक के लोन पर 'ब्याज पर ब्याज' माफ कर देगी, लेकिन यह भी चेतावनी दी थी कि कोरोनो वायरस महामारी से लड़ने जैसी दबाव प्रतिबद्धताओं को प्रभावित करेगी। यह भी कहा था कि यह सभी कैटेगरी के लोन पर लगाए गए ब्याज को माफ नहीं कर सकता क्योंकि इससे बैंकों के लिए मुश्किल होगा। हलफनामे में कहा गया था कि एकमात्र समाधान यही है कि सरकार को चक्रवृद्धि ब्याज की छूट से होने वाले नुकसान का बोझ उठाना चाहिए।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 22 मई को देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान व्यवसायों के लिए 31 अगस्त तक लोन मोरेटोरियम को बढ़ा दिया था। मार्च में, इसने 1 मार्च से 31 मई के बीच ईएमआई का भुगतान करने से लेकर सभी टर्म लोन के भुगतान पर तीन महीने की मोहलत दी थी। गौर हो कि 2 करोड़ रुपए तक के लोन की कटैगरी में एमएसएमई लोन, एजुकेशन लोन, होम लोन लोन, उपभोक्ता टिकाऊ लोन, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटो लोन, पेशेवर और पर्सनल लोन शामिल हैं।
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