आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण समय हमें बचत के कुछ अन्य तरीके अपनाने के लिए मजबूर करता है। इसका आशय यह है कि आप जितना अधिक बचा सकें उतना बेहतर है ताकि आप नकदी की कमी के बावजूद अपनी अत्यंत महत्वपूर्ण प्रतिबद्धताओं जैसे कि किराया भुगतान, कर्ज-अदायगी, किराने का सामान खरीदना, शिक्षा आदि पर होने वाले खर्च को लगातार पूरा कर सकें। हालांकि, खर्च-कटौती वाली रणनीतियाँ जैसे कि लाइफ-स्टाइल से जुड़े खर्चों में कमी करना अहमियत रखती हैं लेकिन ये आपकी आर्थिक स्थिति को वापस पटरी पर लाने के लिए अपर्याप्त हो सकती हैं। यदि आपकी स्थिति इस तरह की है तो आपको बड़ी मात्रा में पैसे बचाने वाले तरीके तलाशने पड़ सकते हैं ताकि तत्काल और महत्वपूर्ण प्रभाव दिख सके। इन कदमों को अपनाकर आप न सिर्फ अपने कर्ज बढ़ने से रोक सकते हैं, बल्कि कर्जमुक्ति के लिए आवश्यक संपत्तियों को बेचने से भी बच सकते हैं।
हम में से ज्यादातर लोगों के लिए आवास पर होने वाला खर्च सबसे महत्वपूर्ण खर्चों में से एक है। यदि आपको सख्त वित्तीय योजना बनाने की आवश्यकता है, तो आप अपने आवास खर्चों पर ध्यान देकर एक बड़ा हिस्सा बचा सकते हैं। यदि आप एक शहर के बीच में किराये पर एक बड़े घर में रहते हैं, तो आप अपनी बचत बढ़ाने के लिए उसी इलाके में एक छोटे से घर में या शहर के बाहरी इलाके में एक बड़े घर में शिफ्ट हो सकते हैं। ऐसा करने से यदि एक महीने में 10000 रुपये की बचत होती है, तो इस तरह आप सालाना 1.2 लाख रुपये की बचत कर सकते हैं। इसके अलावा, यदि आप अभी किराए के घर से 'वर्क-फ्रॉम-होम' कर रहे युवा हैं, तो आप अपनी आर्थिक स्थिति सुधरने तक माता-पिता के साथ रहने का विकल्प चुन सकते हैं।
यदि आपने पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड लोन जैसे अधिक ब्याज-दर वाले ऋण ले रखे हैं, तो इनके बजाय आप कम ब्याज-दर वाले ऋण जैसे कि सिक्योरिटाइज्ड लोन ले सकते हैं; इससे न केवल आपकी मासिक कर्ज-अदायगी ज्यादा किफायती होगी, बल्कि आपका समग्र ब्याज-भार कम होने के साथ जल्द कर्जमुक्त होने में भी मदद मिलती है। मान लें कि आपके क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि 36% प्रति वर्ष की दर से बढ़कर 1 लाख रुपए हो गई है, तो यह आपको रातों की नींद हराम कर देगी। अब केवल न्यूनतम देय राशि, जो कि कुल बकाया राशि का एक छोटा हिस्सा होता है, का भुगतान करने से आपका कार्ड अकाउंट सक्रिय तो रह सकता है। लेकिन कुल बकाया राशि आपकी क्रेडिट लिमिट को काफी हद तक भर सकती है, जिससे थोड़े दिनों में ही आप कार्ड से कोई अन्य खर्चे नहीं कर पाएंगे।
ऐसे स्थिति में, एक सुरक्षित ऋण जैसे कि गोल्ड लोन या एफडी, वाहन या एन्डॉउमेंट प्लान के खिलाफ ऋण लेकर एक बार में ही अपनी बकाया राशि को चुका कर अपने ब्याज का बोझ कम कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप पाँच साल के लिए 8% प्रति वर्ष पर 1 लाख रुपये का गोल्ड लोन लेते हैं तो आपकी ईएमआई 5000 रुपये की वन-टाइम प्रोसेसिंग फीस के साथ सिर्फ 2,027 रुपये आएगी। बाद में, जब आपकी आर्थिक स्थिति सुधर जाए तो आप प्री-क्लोजिंग शुल्क का भुगतान करअपने गोल्ड लोन को समय से पहले बंद कर सकते हैं। इसके द्वारा आप अपने क्रेडिट कार्ड का बकाया एक बार में चुका सकते हैं, साथ ही अपने क्रेडिट स्कोर पर प्रतिकूल प्रभाव से बचते हुए जरूरी और आपातकालीन खर्चों के लिए अपने कार्ड का उपयोग भी कर सकते हैं।
इसी तरह, यदि आपको अपने एमसीएलआर-लिंक्ड होम लोन की ईएमआई चुकाने में भी परेशानी हो रही है, तो आप अपने मौजूदा बैंक या नए बैंक से रेपो-लिंक्ड लोन का विकल्प अपनाने पर विचार कर सकते हैं, खासकर यदि दरों में काफी अंतर है और आपका लोन अभी शुरुआती अवस्था में ही है। उदाहरण के लिए, 100 आधार अंकों की कमी से न केवल आपकी ईएमआई कम हो सकती है बल्कि लंबे समय में यह आपके समग्र ब्याज-भार को भी लाखों में कम कर सकती है। कृपया ध्यान दें, बेहतर दर प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि आपका क्रेडिट स्कोर 750-800 से हो, लोन की रीफाइनेंसिंग में कागजी कार्रवाई और प्रोसेसिंग फीस शामिल होगी, और जब भी भविष्य में आरबीआई 'प्रमुख नीतिगत दर' बढ़ाएगा तब रेपो-लिंक्ड लोन की दरें भी बढ़ जाएंगी।
इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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