मुंबई: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एमडी मुकेश अंबानी ने बुधवार को कंपनी की 43 वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) के दौरान पुष्टि की कि Google Jio प्लेटफार्मों में 7.7% हिस्सेदारी के लिए 33,733 करोड़ रुपए का निवेश करेगा। सीएमडी अंबानी ने अपने शेयरधारकों को बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज 150 बिलियन डॉलर के बाजार पूंजीकरण को पार करने वाली पहली भारतीय कंपनी है।
आरआईएल एजीएम में अंबानी ने कहा कि भारत के सबसे बड़े अधिकारों के मुद्दे को पूरा करने वाली कंपनी, इस मुद्दे को 1.59 बार ओवरसब्सक्राइब किया गया था। आरआईएल के राइट्स इश्यू की एक अनूठी विशेषता यह थी कि यह पूरी तरह से लॉकडाउन अवधि के दौरान एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पूरा हो गया था
अंबानी ने कहा कि हमें जियो प्लेटफॉर्म में रणनीतिक निवेशक के रूप में Google का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। हमने एक बाध्यकारी साझेदारी और एक निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत Google जियो प्लेटफार्मों में 7.7% हिस्सेदारी के लिए 33,737 करोड़ रुपए का निवेश करेगा।
मुकेश अंबानी ने कहा कि गूगल के निवेश के साथ ही जियो प्लेटफॉर्म्स के लिए पूंजी जुटाने का वर्तमान अभियान पूरा हो जाएगा। पिछले तीन महीनों से भी कम वक्त में रिलायंस ने 2,12,809 करोड़ रुपए का निवेश जुटाया है।
उन्होंने कहा कि हमारी बही-खाते की मजबूत स्थिति कारोबार के विस्तार की कंपनी की योजनाओं में सहयोग करेंगी। कंपनी अपने कारोबार के तीनों महत्वपूर्ण क्षेत्रों जियो प्लेटफार्म्स, खुदरा कारोबार और तेल-से-रसायन कारोबार पर ध्यान दे रही है।
अंबानी ने कहा कि यह राशि कंपनी के शुद्ध लोन से अधिक है। वित्त वर्ष 2019-20 की समाप्ति पर कंपनी का शुद्ध लोन 1,61,035 करोड़ रुपए था। रिलायंस अब सही मायनों में शुद्ध लोन से मुक्त कंपनी हो गई है, यह उपलब्धि कंपनी ने अपने कर्ज मुक्त होने के घोषित लक्ष्य मार्च 2021 से बहुत पहले प्राप्त कर ली है।
गौर हो कि इसमें फेसबुक का जियो प्लेटफॉर्म्स में करीब 10 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदना, ब्रिटेन की बीपी का निवेश और कंपनी का राइट्स इश्यू के माध्यम से 53,124 करोड़ रुपए की पूंजी शामिल है।
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