नई दिल्ली : देश की सड़कों की क्वालिटी बेहतर करने के लिए नेशनल हाईवे ऑथिरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने सड़कों के प्रदर्शन की ऑडिट के आधार पर रैंकिंग सिस्टम शुरू करने जा रही है। जिसके आधार पर तय होगा कि देश की सड़कें वर्ल्ड क्लास है या नहीं। सड़कों के मूल्याकंन के लिए नेशनल हाईवे को 3 कटैगरी में बांटा गया है और नेशनल हाईवे पर दी जा रही 3 सेवाओं के आधार पर सड़कों की रैंकिंग तय की जाएगी। मोटै तौर पर 3 बातों कुशलता, सुरक्षा और सुविधा को लेकर किया जाएगा और इसके लिए 45%, 35% और 20% अंक रखे जाएंगे। NHAI यात्रियों और सामानों की एक राज्य से दूसरे राज्य को आवाजाही के लिए नेशनल हाईवे के विकास, रखरखाव और मैनेजेमेंट का काम करती है।
NHAI ने एक बयान में कहा कि सड़कों की क्वालिटी में सुधार के लिए NHAI ने देश में नेशनल हाईवे के प्रदर्शन का आकलन करने और उन्हें रैंकिंग देने का फैसला किया है। आकलन अंतरराष्ट्रीय स्तर अपनाए जा रहे तरीकों के अनुसार किया जाएगा। बयान के मुताबिक नेशनल हाईवे के मूल्यांकन ऑडिट और रैंकिंग देने का मकसद इसकी सेवाओं में सुधार लाना है। मूल्यांकन के स्टैंडर्ड भारतीय संदर्भ में नेशनल हाईवे के लिए विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सिस्टम और अध्ययनों पर आधारित हैं। बयान के मुताबिक मूल्यांकन के दौरान मुख्य रूप से 3 बातों नेशनल हाईवे की दक्षता, नेशनल हाईवे की सुरक्षा और विभिन्न यात्री सेवाओं पर महत्व दिया जाएगा।
ऑथरिटी इस ऑडिट के आधार पर हस्तक्षेप की आवश्यकता निर्धारित करेगा। इसमें स्पीड, प्रवेश पर नियंत्रण, टोल प्लाजा पर लगने वाला समय, रोड साइन, सड़क के निशान, ड पर रोशनी का इंतजाम, ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, उस सड़क होने वाले एक्सीडेंट की दर, घटना की प्रतिक्रिया समय, चौराहे, साफ-सफाई, सड़कों के किनारे पेड़-पौधे आदि बातों पर भी गौर किया जाएगा। इस आधार पर रैंकिंग दी जाएगी।
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