नई दिल्ली: रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए NPS सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्पों में से एक है। पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा प्रशासित, यह सरकार समर्थित योजना सार्वजनिक, निजी और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक स्वैच्छिक निवेश योजना है। एनपीएस योजना निवेशकों को नियमित अंतराल पर पेंशन खाते में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है। एनपीएस के तहत, व्यक्तिगत बचत को एक पेंशन फंड में जमा किया जाता है जिसे पीएफआरडीए द्वारा विनियमित पेशेवर फंड मैनेजरों द्वारा अनुमोदित निवेश गाइडलाइन्स के अनुसार विविध पोर्टफोलियो में निवेश किया जाता है जिसमें सरकारी बांड, बिल, कॉर्पोरेट डिबेंचर और शेयर शामिल होते हैं। किए गए निवेश पर के आधार पर रिटर्न बढ़ेगा।
एनपीएस खाता खोलते समय, खाताधारक को दो विकल्प दिए जाते हैं- एक्टिव और ऑटो मोड। इसके अलावा, खाताधारक के पास यह चुनने का विकल्प होता है कि वे एन्युटी के लिए कितनी मैच्योरिटी राशि निवेश करना चाहते हैं। एन्युटी खरीद का यह प्रतिशत तय करता है कि उन्हें कितनी पेंशन मिलेगी। एनपीएस के नियमों के मुताबिक, एनपीएस की नेट मैच्योरिटी राशि के कम से कम 40 फीसदी एन्युटी खरीदना अनिवार्य है। हालांकि, अगर कोई इस सीमा को बढ़ाना चाहता है तो इसकी कोई सीमा नहीं है। कोई व्यक्ति अपनी एनपीएस मैच्योरिटी राशि का 100 प्रतिशत उपयोग करके एन्युटी खरीद सकता है।
अगर कोई व्यक्ति 30 साल के लिए एनपीएस खाते में 15,000 रुपए महीना निवेश करता है, तो निवेश पर 12 फीसदी रिटर्न और एन्युटी पर 6 फीसदी सालाना रिटर्न को मानते हुए, 30 साल बाद मैच्योरिटी पर उसका कुल फंड 5,29,48,707 रुपए होगा। अगर निवेशक मैच्योरिटी राशि का 60 प्रतिशत एन्युटी खरीदता है, तो एनपीएस कैलकुलेटर बताता है कि निवेशक को 1,58,846 रुपए मासिक पेंशन मिलेगी। इस मामले में एकमुश्त मूल्य 3,17,69,224 रुपए होगा जबकि एन्युटी मूल्य 2,11,79,483 रुपए होगा।
एक एनपीएस खाताधारक एक वित्तीय वर्ष में 2 लाख रुपए तक के निवेश पर आयकर छूट का दावा कर सकता है। धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक और आयकर अधिनियम की धारा 80CCD के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपए।
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