PF Rules: इन परिस्थितियों में कर योग्य हो सकती है EPF निकासी, जानें नियम

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Nov 26, 2021 | 12:04 IST

PF Rules: अगर कोई कर्मचारी दो महीने से अधिक समय तक बेरोजगार रहता है, तो वह अपने ईपीएफ खाते में जमा राशि का 100 फीसदी निकाल सकता है।

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PF Rules: इन परिस्थितियों में कर योग्य हो सकती है EPF निकासी  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • प्रोविडेंट फंड (PF) सभी कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण होता है।
  • वित्त वर्ष 2020-21 के लिए प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाले ब्याज की दर 8.5 फीसदी है।
  • रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से 011-22901406 नंबर पर मिस्ड कॉल कर आप पीएफ बैलेंस चेक कर सकते हैं।

PF Rules: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा नियमों में बदलाव के कारण कर्मचारी भविष्य निधि से आंशिक निकासी और पूर्ण निकासी करना आसान और तेज हो गया है। ग्राहक अब अपने ईपीएफ खाते से ऑनलाइन आंशिक निकासी कर सकते हैं। दिसंबर 2018 में, सेवानिवृत्ति निकाय ने अपने नियमों में बदलाव करते हुए ग्राहकों को नौकरी छोड़ने के बाद एक महीने के भीतर ईपीएफ कोष का 75 फीसदी तक निकालने की अनुमति दी थी। यदि कोई कर्मचारी दो महीने से अधिक समय तक बेरोजगार रहता है, तो वह अपने ईपीएफ खाते में जमा राशि का 100 फीसदी निकाल सकता है। हालांकि, कुछ तथ्य हैं जिन्हें ईपीएफ खाते से निकासी करने से पहले जान लेना चाहिए। आइए जानते हैं उनके बारे में-

  • यदि कोई कर्मचारी पांच साल की अवधि तक सेवा पूरी नहीं करता है तो ईपीएफ से निकासी पर टैक्स लगता है।
  • यदि आपने अपना ईपीएफ खाता पिछले नियोक्ता से ट्रांसफर किया है, तो पिछली रोजगार अवधि भी कर उद्देश्यों के लिए कुल रोजगार अवधि में जोड़ दी जाएगी।
  • यह ध्यान रखें कि ईपीएफ खाते में पड़ी राशि के चार भाग होते हैं- कर्मचारी योगदान, नियोक्ता योगदान और दोनों योगदान पर प्राप्त ब्याज।
  • अगर निरंतर रोजगार की अवधि पांच वर्ष से कम है, तो ईपीएफ में नियोक्ता के योगदान के साथ-साथ उस पर प्राप्त ब्याज 'अन्य स्रोतों से आय' श्रेणी के तहत आयकर रिटर्न में कर योग्य है।
  • एक कर्मचारी का अपना योगदान 'वेतन' के तहत कर योग्य हो जाता है यदि निकासी पांच साल पूरे होने से पहले की जाती है और यदि आपने आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत उस योगदान पर कटौती का दावा किया है।
  • पांच साल के निरंतर रोजगार से पहले निकासी पर 10 फीसदी की दर से TDS लगाया जाएगा।
  • हालांकि, अगर राशि 50,000 रुपये से कम है या कंपनी अपना परिचालन बंद कर देती है तो टीडीएस नहीं काटा जाएगा।
  • फॉर्म 15G या 15H जमा करके ईपीएफ निकासी पर टीडीएस से बचा जा सकता है यदि उस वित्तीय वर्ष के लिए उसकी शुद्ध आय कर योग्य आय सीमा से कम है। 

ध्यान रहे कि फॉर्म 15H वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष और उससे अधिक) के लिए है और फॉर्म 15G उन लोगों के लिए है जिनकी कर योग्य आय नहीं है।

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