अगर कोई मेडिकल इमरजेंसी है जैसे कि कोविड से परेशान है तो ईपीएफ के सदस्यों के लिए अच्छी खबर है। उनके लिए नई सुविधा को विस्तार दिया गया है। इस सुविधा अनुसार वे ईपीएफ फंड से 1 लाख रुपए तक निकाल सकते हैं। साथ ही उधार लेने वाले सदस्यों को इसके लिए कोई लागत अनुमान देने की जरुरत नहीं है। ईपीएफ संगठित क्षेत्र के साथ काम करने वालों के लिए भारत की सामाजिक सुरक्षा योजना है।
इस बारे में सर्कुलर 1 जून, 2021 को भविष्य निधि संगठन द्वारा जारी किया गया था। इसके अलावा, यह कहा गया है कि कोरोनो वायरस समेत किसी भी घातक बीमारी के कारण अचानक अस्पताल में भर्ती होने के लिए 1 लाख रुपए का अग्रिम लिया जा सकता है। पहले भी ईपीएफ मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति के लिए पैसे निकालने के लिए ऐसी सुविधा के साथ आया था, लेकिन इसके लिए एक ईपीएफ सदस्य को लागत अनुमान प्रदान करने की आवश्यकता थी या केवल मेडिकल बिल रिइंबर्समेंट के रूप में उपलब्ध था।
मेडिकल एडवांस तभी मिलेगा जब रोगी को इलाज के लिए सरकारी/सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई/सीजीएचएस पैनल अस्पताल में भर्ती कराया गया हो। अगर मरीज का इलाज किसी प्राइवेट अस्पताल या संस्थान में हो रहा है तो अग्रिम राशि बढ़ाने से पहले किसी ईपीएफओ अधिकारी द्वारा उसका सत्यापन किया जाएगा।
कर्मचारी (ईपीएफ सदस्य) या उसके परिवार को इस तरह के डिटेल प्रदान करने की जरूरत होगी जिसमें इलाज का लाभ उठाया जा रहा है, रोगी का डिटेल और यह भी शामिल है कि कोई लागत अनुमान नहीं है और मेडिकल एडवांस प्रदान किया जाना चाहिए।
ईपीएफ सदस्य या उसके परिवार को अस्पताल में भर्ती होने के समय आवेदन करने के 1 घंटे के भीतर राशि मिल सकती है।
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