नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लॉकडाउन को लेकर एक बार पर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। राहुल ने गुरुवार को कहा कि विश्व युद्ध के दौरान भी दुनिया लॉकडाउन के दौर से नहीं गुजरी थी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज के साथ बातचीत में यह बात कही है। राहुल ने कहा, 'यह अवास्तविक है। मुझे नहीं लगता कि किसी ने इस तरह के लॉकडाउन की कल्पना की होगी।'
'लॉकडाउन अजीब एवं एक खौफनाक घटना है'
कांग्रेस नेता ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि विश्व युद्ध के दौरान दुनिया को इस तरह के लॉकडाउन का सामना करना पड़ा। मेरा मानना है कि उस संकट के समय भी चीजें खुली थीं। यह अजीब एवं एक खौफनाक घटना है। गरीबों एवं प्रवासी मजदूरों के लिए लॉकडाउन काफी मुश्कलों भरा रहा है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि अब कहां जाएं।'
कोविड से लड़ाई राज्यों पर छोड़नी चाहिए थी-राहुल
राजीव की ओर से यह पूछने पर कि इस समस्या से निपटने के लिए वह क्या करते, कांग्रेस नेता ने जवाब दिया, 'केंद्र सरकार को राज्यों को सामर्थ्यवान बनाना चाहिए थे। कोविड-19 से लड़ाई में मुख्यमंत्रियों को आगे किया जाना चाहिए था लेकिन भारत में क्या हुआ। यहां अब सरकार ने अपने पैर पीछे खींच लिए हैं। यह कदम उठाने में काफी देरी हो गई है। भारत में यह नाकाम लॉकडाउन है। भारत ही एक मात्र ऐसा देश है जहां लॉकडाउन उठाते समय कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है।'
राहुल ने हाल के दिनों में विशेषज्ञों से बात की है
इस बातचीत में गांधी ने सरकार की तरफ से एक संवेदनशील पहल करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि सरकार को विशेषज्ञों एवं हितधारकों की बात सुननी चाहिए। कोविड-19 संकट की वजह से अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव के बारे में राहुल ने गत 30 अप्रैल को आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से बातचीत की। इसके बाद उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी से भी लॉकडाउन और अर्थव्यवस्था पर चर्चा की। पिछले सप्ताह कांग्रेस नेता ने दुनिया के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञों प्रोफेसर आशीष झा और जोहान गीसेके से बात की।
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