मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने शक्रवार (04 दिसंबर) को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की। इसमें प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 4% पर बरकरार रखा। इसके साथ ही आरबीआई ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उदार रुख को कायम रखते हुए कहा है कि कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए वह आगे भी नीतिगत दर में कटौती समेत हर संभव कदम उठाएगा। इसके बाद भारतीय शेयर बाजार में उछाल शुरू हो गया। सेंसेक्स शुक्रवार को 447 अंक की बढ़त के बाद पहली बार 45,000 अंक के पार बंद हुआ।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद शुक्रवार को शेयर बाजार में मजबूत लिवाली धारणा के बीच निफ्टी भी 13,250 अंक पर रहा। मुद्रास्फीति में तेजी बने रहने के बीच आरबीआई ने लगातार तीसरी बार नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया। हालांकि केंद्रीय बैंक ने कहा कि अर्थव्यवस्थाा महामारी के बाद तेजी से सुधार की राह पर है और चालू तिमाही में वृद्धि दिख सकती है ।
इस बीच बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान 45,148.28 अंक के उच्चतम स्तर तक चला गया। बाद में 446.90 अंक यानी एक प्रतिशत की बढ़त के साथ 45,079.55 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 125.65 अंक यानी 0.95 प्रतिशत बढ़कर 13,258.55 अंक पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान इसने भी 13,280.05 अंक के उच्च स्तर को छुआ।
सेंसेक्स में शामिल आईसीआईसीआई बैंक सबसे अधिक लाभ में रहा। इसका शेयर करीब चार प्रतिशत चढ़ा। वहीं अल्ट्राटेक सीमेंट, सन फार्मा, भारती एयरटेल, हिंदुस्तान युनिलीवर, भारतीय स्टेट बैंक, एलएंडटी, एक्सिस बैंक और इंडसइंड बैंक भी लाभ में रहे। हालांकि रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज फिनजर्व, एचसीएल और एचडीएफसी में गिरावट रही।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने जब तक जरूरत है, तब तक मौद्रिक नीति के लिए नरम रुख रखने का निर्णय किया है। यह कम से कम चालू वित्त वर्ष और बहुत हद तक अगले साल भी जारी रह सकता है। बीएनपी परिबा के शेयरखान में पूंजी बाजार रणनीति और निवेश प्रमुख एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष गौरव दुआ ने कहा कि रिजर्व बैंक के लिए देश की वृद्धि दर सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी।
इस बीच एशिया के अन्य बाजार मसलन शंघाई, हांगकांग और सियोल के बाजार सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए। हालांकि टोक्यो शेयर बाजार में गिरावट का रुख रहा। यूरोपीय बाजार भी बढ़त के रुख के साथ खुले। इस बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट कच्चा तेल भाव 1.81 प्रतिशत चढ़कर 49.59 डॉलर प्रति बैरल रहा।
आरबीआई ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था के वृद्धि की राह पर लौट आने का अनुमान है। कोरोना वायरस महामारी के कारण अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में 23.9% और दूसरी तिमाही में 7.5% की गिरावट आई है। शक्तिकांत दास ने कहा कि दूसरी छमाही में कुछ सकारात्मक वृद्धि की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पूरे वित्तीय वर्ष 2020- 21 के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.5% तक गिरावट रहने का अनुमान है।
हालांकि, इससे पहले बैंक ने वर्ष के दौरान 9.5% की गिरावट आने का अनुमान लगाया था। रिजर्व बैंक ने अक्टूबर में जारी पूर्वानुमान में कहा था कि चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी में 9.5% की गिरावट आ सकती है। दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था तीसरी तिमाही में वृद्धि की राह पर लौट सकती है। उन्होंने कहा कि तीसरी तिमाही में 0.1% और चौथी व अंतिम तिमाही में 0.7% आर्थिक वृद्धि की उम्मीद है। इस तरह चालू वितत वर्ष की दूसरी छमाही में वृद्धि दर के सकारात्मक रहने की उम्मीद है।
आरबीआई ने अक्टूबर के मौद्रिक नीति समीक्षा बयान में कहा था कि 2020-21 में वास्तविक जीडीपी में 9.5% गिरावट रहने का अनुमान है। आरबीआई ने इस गिरावट के 9.8% तक नीचे जाने की आशंका व्यक्त की थी। रिजर्व बैंक ने तब तीसरी तिमाही में 5.6% गिरावट और चौथी तिमाही में 0.5% की वृद्धि का अनुमान जाहिर किया था।
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