RBI monetary policy April 2021: मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान, ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं

बिजनेस
ललित राय
Updated Apr 07, 2021 | 10:39 IST

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मॉनिटरी पॉलिसी अप्रैल 2021 का ऐलान कर दिया है। आइए जानते हैं कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का क्या कहना है।

RBI Credit Policy 2021: क्रेडिट पॉलिसी का हुआ ऐलान
आरबीई गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रेडिट पॉलिसी का किया ऐलान 
मुख्य बातें
  • आरबीआई ने मॉनिटरी पॉलिसी का किया ऐलान, बजट पेश करने के बाद पहली बार घोषणा
  • ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं
  • अर्थव्यवस्था की रफ्तार और कोरोना के बढ़ते केस का दिया गया हवाला

मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मॉनिटरी पॉलिसी अप्रैल 2021 का ऐलान कर दिया है। इस ऐलान की खास बात यह है कि ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है। रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट की दर में किसी तरह का बदलाव नहीं है। आरबीआई का कहना है कि कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर असर पड़ सकता है।  यह ऐलान बजट 2021-22 को पेश करने के बाद पहली बार पेश किया गया है। इससे पहले तीन दिनों की मौद्रिक नीति समीक्षा की  केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति की चिंताओं का जिक्र करते हुए रेपो में कोई बदलाव नहीं किया था। 

मौद्रिक नीति अप्रैल 2021 की खास बातें

  1. किसी भी तरह के ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं।
  2. आरबीआई ने अर्थव्यवस्था की रफ्तार और कोरोना के बढ़ते केस का दिया हवाला।
  3. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रियल जीडीपी का अनुमानित बढ़ोतरी दर 10.5 फीसद है। 
  4. रेपो रेट पर 4 फीसद पर ही रहेगा।
  5. रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसद पर।
  6. गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि कोरोना के बढ़ते केस के बीच आर्थिक गतिविधियां सामान्य हो रही है।
  7. शहरी क्षेत्रों में डिमांड में भी इजाफा हुआ है। इसके साथ अब हम चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। 

वित्तीय क्षेत्र के लिए आरबीआई गवर्नर की बड़ी घोषणा

  1. ताजा उधार के लिए 75,000 का समर्थन
  2. 25,000 करोड़ नाबार्ड को
  3. राष्ट्रीय आवास बोर्ड को 10,000 करोड़
  4. सिडबी को 15000 करोड़

ब्याज दरों में क्यों नहीं हुआ बदलाव
आरबीआई अपनी मौद्रिक नीति रवैये को जारी रखने और मॉनेटरी कदम का एलान करने के लिए सही समय का इंतजार करने की उम्मीद है। यह ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए बेहतर बताया जा रहा है। महंगाई की बढ़ती रफ्तार की वजह से आरबीआई की चिंता बढ़ी है।  फ्यूल इनफ्लेशन 5.36 फीसद के स्तर पर है। इसके साथ ही कोर महंगाई दर 5.36 फीसदी पर है। ऐसे में उम्मीद थी कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती का जोखिम नहीं लेना चाहेगा।

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