नई दिल्ली: कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच रिजर्व बैंक प्रेस कॉन्फ्रेंस कीऔर कर्ज लेने वालों को राहत दी। आरबीआई गवर्नर ने महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए रेपो रेट में .75 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। इससे पहले सरकार द्वारा गुरुवार को गरीबों के लिए आर्थिक राहत पैकेज का ऐलान किया गया था जिसमें कई ऐलान किए गए थे। आईए जानते हैं कि आरबीआई द्वारा क्या-क्या महत्वपूर्ण ऐलान किए गए हैं-
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आरबीआई गवर्नर-मंदी की चपेट में आएंगे दुनिया के ज्यादातर देश
रिर्जव बैंक गवर्नर ने कहा कि यह एक मुश्किल घड़ी है और दुनिया भर की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आएंगे। उन्होंने कहा कि कि कच्चे तेल के घटे भाव के कारण इकॉनमी पर दबाव घटा है। पिछले दो पॉलिसी रिव्यू में रीपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था। आरबीआई ने कमर्शिएल और क्षेत्रीय बैंकों को तीन महीने तक कर्ज और ब्याज पर राहत देने की सलाह दी है।
3.74 लाख करोड़ अतिरिक्त उपलब्ध होंगे
आरबीआई गवर्नर ने कहा, 'आरबीआई की स्थिति पर कड़ी नजर, नकदी बढ़ाने के लिये हर कदम उठाये जाएंगे। सीआरआर में कटौती, रेपो दर आधारित नीलामी समेत अन्य कदम से बैंकों के पास कर्ज देने के लिए अतिरिक्त 3.74 लाख करोड़ रुपये के बराबर अतिरिक्त नकद धन उपलब्ध होगा। मौद्रिक नीति समिति ने अनिशचित आर्थिक माहौल को देखते हुए अगले साल के लिये आर्थिक वृद्धि, मुद्रास्फीति के बारे में अनुमान नहीं जताया।'
मजबूत है भारत का बैंकिग सिस्टम
आरबीआई गवर्नर ने कहा, 'भारत का बैंकिंग सिस्टम मजबूत औऱ सुरक्षित है और किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। कॉमर्शियल और निजी बैंक के ग्राहकों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। ग्राहक पैसे निकालने की जल्दबाजी नहीं करे आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है। कोविड 19 से बचने के लिए हमें सावधानियां बरतनी पड़ेंगी। कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में 100 बेसिस पॉइंट की कटौती करके 3 प्रतिशत कर दिया गया है। यह एक साल तक की अवधि के लिए किया गया है।'
रेपो रेट में की गई कटौती
आऱबीआई ने अपने रेपो रेट में कटौती की है यह कटौती . 75 बेसिस प्वाइंट की की गई है और नई रेपो रेट 4.4 की गई है। वहीं रिवर्स रेपो रेट में 90 प्वाइंट की कमी की गई है रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए यह निर्णय़ लिया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से देश के कई सेक्टर प्रभावित हो सकते हैं और इसका दर देश की जीडीपी पर भी पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया भर की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत मुश्किल भरा समय है और इससे वैश्विक मंदी बढ़ने के आसार हैं।
रेपो रेट का अर्थ
रेपो रेट वो होता है जिस दर पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। अब यह देखना होगा कि बैंक अपने ग्राहकों को किस तरह इसका फायदा देते हैं। अगर बैंक सीधा फायदा देते हैं तो ग्राहकों को बैंक से मिलने वाले कई तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे, जैसे कि होम लोन, वाहन लोन आदि। रेपो रेट से उलट होता है। यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा राशि पर ब्याज मिलता है।
सरकार ने दिया है आर्थिक पैकेज
आपको बता दें कि कोरोना वायरस संकट से प्रभावित गरीबों और मजदूरों के लिए सरकार ने गुरुवार को 1.7 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की सरकार की घोषणा की थी। पैकेज के तहत कोरोना वायरस के संक्रमण में लोगों के इलाज में लगे डॉक्टरों, पैरामेडिकल कर्मियों, चिकित्सा सेवा कर्मियों को 50 लाख रुपये प्रति परिवार का बीमा कवर दिया जायेगा। इसके अलावा, राशन की दुकानों से 80 करोड़ परिवारों को अतिरिक्त 5 किलो गेहूं या चावल के साथ एक किलो दाल तीन महीने तक मुफ्त उपलब्ध कराई जायेगी तथा महिलाओं, विधवाओं और बुजुर्गों को वित्तीय सहायता दी जायेगी।
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