RBI on Inflation: RBI गवर्नर ने कहा- पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती से घटेगी महंगाई

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भाषा
Updated Nov 11, 2021 | 15:14 IST

RBI on Inflation: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास चालू वित्त वर्ष के लिए 5.3 फीसदी मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती से मुद्रास्फीति को थामने में मदद मिली।

RBI Governor Shaktikanta Das
RBI Governor Shaktikanta Das RBI on Inflation  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • केंद्रीय बैंक के गवर्नर इस वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के लिए निर्धारित 5.3 फीसदी के पूर्वानुमान पर कायम हैं।
  • जिंसों की बढ़ती कीमतों को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।
  • पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती से मुद्रास्फीति को थामने में मदद मिली है।

RBI on Inflation: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष के लिए 5.3 फीसदी मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान में बढ़ोतरी की संभावना को नकारते हुए कहा कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क (Excise Duty On Petrol-Diesel) में की गई कटौती और खाद्य उत्पादों की आपूर्ति बेहतर होने से मुद्रास्फीति (Inflation) को थामने में मदद मिली है।

सरकार द्वारा उठाए गए कदम बेहद सकारात्मक 
दास ने कहा कि सरकार की तरफ से उठाए गए ये कदम मुद्रास्फीति के नजरिए से बेहद सकारात्मक हैं। सरकार ने पिछले हफ्ते पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में क्रमशः पांच एवं दस रुपये की कटौती करने की घोषणा की थी। इस कटौती के बावजूद इन पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा कीमतों में शुल्कों एवं अन्य करों का हिस्सा 50 फीसदी से अधिक है।

खुद आरबीआई गवर्नर भी मुद्रास्फीति को निर्धारित दायरे में रखने के लिए पेट्रोल एवं डीजल पर लागू शुल्कों एवं करों में कटौती का सरकार से कई बार अनुरोध कर चुके थे। दास ने कहा, 'पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क को कम करना मुद्रास्फीति प्रबंधन के लिए बेहद सकारात्मक कदम है।' उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति लंबे समय से आपूर्ति-जनित समस्याओं से प्रभावित होती रही है लेकिन इस बार इसे अच्छी तरह संभाला गया है। इससे खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने में मदद मिली है।

मुख्य मुद्रास्फीति अब भी चिंता का विषय
हालांकि, मुख्य मुद्रास्फीति आरबीआई के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। आरबीआई गवर्नर ने आर्थिक समाचारपत्र बिजनेस स्टैंडर्ड के एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति अब भी ऊंचे स्तर पर बनी हुई है और इस पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, यह एक नीतिगत चुनौती है और हम मुख्य मुद्रास्फीति पर बेहद करीबी निगाह रखे हुए हैं।

रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा, 'आपूर्ति पक्ष से जुड़े कारकों खासकर दालों एवं खाद्य तेलों पर सरकार ने ध्यान दिया है। और हाल ही में पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क भी कम किया गया है। इन सभी कदमों ने खुदरा मुद्रास्फीति को कम करने में योगदान दिया है और मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिहाज से ये अच्छे संकेत हैं।' उन्होंने कहा कि मोटे तौर पर खाद्य मुद्रास्फीति अब नियंत्रण में दिख रही है। हालांकि, ईंधन मुद्रास्फीति अभी ऊंचे स्तर पर है जिस पर केंद्रीय बैंक की निगरानी बनी हुई है।

जिंसों की कीमतों को लेकर सतर्क रहने की जरूरत
मुद्रास्फीति अनुमानों के बारे में गवर्नर ने कहा, 'इस वित्त वर्ष में हम मुद्रास्फीति के लिए निर्धारित 5.3 फीसदी के पूर्वानुमान पर कायम हैं।' दास ने कच्चे तेल एवं इस्पात की बढ़ती कीमतों से वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति परिदृश्य खराब होने का जिक्र करते हुए कहा कि जिंसों की बढ़ती कीमतों को लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।

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