NMP:इन सड़क, रेल, हवाई अड्डे, स्टेडियम से सरकार कमाएगी 6 लाख करोड़ ! देखें लिस्ट

बिजनेस
प्रशांत श्रीवास्तव
Updated Aug 24, 2021 | 13:04 IST

सरकार नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) प्रोजेक्ट के तहत चार साल में 6 लाख करोड़ रुपये जुटाएगी। मिले पैसे का इस्तेमाल सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में करेगी।

Finance Minister Nirmala Sitaraman
फाइल फोटो: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • नीति आयोग के प्लान के अनुसार  26,700 किलोमीटर की सड़कों को मोनेटाइज किया जा सकता है।
  • रेलवे के 400 स्टेशन, 90 पैंसेजर ट्रेन, 1400 किलोमीटर का एक रेल रूट, कोंकण रेलवे, 15 रेलवे स्टेडियम और कॉलोनी आदि शामिल हो सकते हैं।
  • वाराणसी, भुवनेश्वर, अमृतसर, रायपुर, इंदौर, त्रिची, पटना, नागपुर, रांची, देहरादून , भोपाल, इंफाल जैसे 25 शहरों के हवाई अड्डे को मोनेटाइज किया जा सकता है।।

नई दिल्ली:  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन योजना का रोडमैप पेश किया है। इसके तहत सरकार रेलवे, सड़क, बिजली, हवाई अड्डे, स्टेडियम, ट्रांसमिशन लाइन की संपत्तियों को प्राइवेट सेक्टर को सौंपेगी। हालांकि इसके तहत मालिकाना हक सरकार के पास ही होगा और जमीन को नहीं बेचा जाएगा। वित्त मंत्री के अनुसार नेशनल मोनेटाइजेशन प्लान के जरिए अगले 4 साल में 6 लाख करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। जिसके जरिए देश में इंफ्रास्ट्रक्टर का विकास किया जाएगा। यह संपत्तियां 2021-25 के दौरान मोनेटाइज की जाएंगी।

सरकार के लिए क्यों है जरूरी

इस कदम की क्यों जरुरत है इस पर एचडीएफसी बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट अभीक बरूआ टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से कहते हैं "देखिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 100 लाख करोड़ रुपये के गति शक्ति मिशन का ऐलान किया है। ऐसे में पैसा जुटाने के लिए इस तरह के कदम उठाना जरूरी है। इसके पहले भी ऐसा प्लान बजट के पहले और बजट भाषण में वित्त मंत्री ने बताया था कि सरकार ब्राउन फील्ड (मौजूदा प्रोजेक्ट्स) और नए प्रोजेक्ट्स के लिए पुराने एसेट बेचकर पूंजी निवेश करेंगी। इस समय कैपिटल खर्च की बेहद जरूरत है। ऐसे में अगर इस तरीके से पैसा जुटाया जाता है तो वह इकोनॉमी के लिए फायदेमंद होगा।" 

कोविड-19 महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन और दूसरे फैक्टर के कारण भारत की जीडीपी में 2020-21 में 7.3  फीसदी की गिरावट आई थी। इसकी वजह से वह भारतीय जीडीपी का साइज 145.69 करोड़ रुपये (कोविड-19 से पहले 2019-20) से घटकर 135.13 लाख करोड़ हो गया है। हालांकि अच्छी बात यह है कि अब अर्थव्यवस्था में रिकवरी दिख रही है, ऐसे में आरबीआई का अनुमान है कि 2021-22 में भारत की जीडीपी 9.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी। इस ग्रोथ को हासिल करने में नेशनल मोनेटाइनजेश पाइपलाइन अहम भूमिका निभा सकता है। बरूआ कहते हैं "अब जब सरकार ने प्लान पेश कर दिया तो ऐसा लगता है कि उसने इसके क्रियान्वन का ठोस प्लान तैयार कर लिया होगा। ऐसे में उम्मीद है कि जल्द से जल्द यह जमीन पर दिखाई देगा। और इस तरह के मोनेटाइजेशन की जरूरत को हम पिछले 10-15 साल से स्वीकार कर रहे हैं। अब जरूरी है कि इनको लागू किया जाय।"

सरकार ऐसे जुटाएगी पैसा

सरकार सबसे ज्यादा सड़क, रेलवे , पावर सेक्टर से सबसे ज्यादा पैसे जुटाएगी। कुल 6 लाख करोड़ में से करीब 3.55 लाख करोड़ रुपये इन सेक्टर के जरिए  जुटाए जाएंगे। किस सेक्टर से कितने पैसे जुटाए जाएंगे, जानें उसका प्लान

सड़क                                  1,60,200                                    टेलिकॉम           35,100
रेलवे                                    1,52,496                                    वेयरहाउसिंग     28,900
पावर ट्रांसमिशन                      45,200                                     माइनिंग           28,747
पावर जेनरेशन                         39,832                                     एविएशन         20,782
प्राकृतिक गैस पाइपलाइन         24,462                                     बंदरगाह           12,828
प्रोडक्ट पाइपलाइन                  22,504                                     स्टेडियम          11,450
शहरी रियल एस्टेट                   15,000

नोट- राशि करोड़ रुपये में है

कौन सी संपत्तियों का होगा मोनेटाइजेशन

किस संपत्ति से पैसा जुटाया जा सकता है, इसका पूरा विस्तृत प्लान नीति आयोग ने तैयार किया है। उसकी  ये है लिस्ट..

  • नीति आयोग के प्लान के अनुसार  26,700 किलोमीटर की सड़कों को मोनेटाइज किया जाएगा। इसके तहत मौजूदा और बन रहे राष्ट्रीय राजमार्ग को शामिल किया जाएगा। मोनेटाइजेशन में केवल चार लेन या और उससे ज्यादा के लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल होंगे। इसके तहत पहले चरण में राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात और बिहार के राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हो सकते हैं।
  • रेलवे के 400 स्टेशन, 90 पैंसेजर ट्रेन, 1400 किलोमीटर का एक रेल रूट, कोंकण रेलवे, 4 पहाड़ के रेलवे, 15 रेलवे स्टेडियम और कॉलोनी आदि
  • 2.86 लाख किलोमीटर के भारत नेट फाइबर प्रोजेक्ट और 14917 बीएसएनएल और एमटीएनएल टॉवर
  • पेट्रोलियम प्रोडक्ट पाइपलाइन, एलपीजी पाइपलाइन,  हाइड्रोजन जेनरेशन प्लांट आदि
  • 160 माइनिंग प्रोजेक्ट्स
  • 25 हवाई अड्डे (वाराणसी, भुवनेश्वर, अमृतसर, रायपुर, इंदौर, त्रिची, पटना, नागपुर, रांची, देहरादून , भोपाल, इंफाल आदि)
  • 2 नेशनल स्टेडियम और 2 क्षेत्रीय केंद्र

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