नई दिल्ली : विप्रो लिमिटेड, विप्रो एंटरप्राइजेज लिमिटेड और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने कोरोना वायरस के खिलाफ देश में जारी अभियान में 1,125 करोड़ रुपये का योगदान देने की घोषणा की है। कंपनी ने बुधवार को जारी एक बयान में इसकी जानकारी दी। कंपनी ने कहा कि इससे संक्रमण से पहले मोर्चे पर लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों की मदद होगी। कंपनी ने कहा कि इसमें विप्रो लिमिटेड ने 100 करोड़ रुपए, विप्रो एंटरप्राइजेज ने 25 करोड़ रुपए और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने एक हजार करोड़ रुपए का योगदान दिया है। बयान में कहा गया कि यह अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के योगदान से अलग है।
केआईओसीएल 10 करोड़ रुपए का करेगी योगदान
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी केआईओसीएल ने भारत में कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए पीएम-केयर्स कोष में 10 करोड़ रुपए का योगदान करेगी। केआईओसीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एम.वी.सुब्बा राव ने कहा कि कंपनी के कर्मचारियों ने इस कोष में एक-एक दिन का वेतन भी दिया है। उन्होंने कहा कि महामारी से लड़ने के लिए 10.1 करोड़ रुपए का योगदान किया जा रहा है। इसके अलावा कंपनी के संयंत्रों के आस-पास रहने वाले लोगों को जरूरी वस्तुएं और भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
भेल, उसके कर्मचारियों ने 15.72 करोड़ रुपए का दिया योगदान
सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग कंपनी भेल ने बुधवार को कहा कि कंपनी और उसके कर्मचारियों ने कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए बनाए गए विशेष कोष पीएम-केयर्स में कुल 15.72 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। भेल ने एक बयान में बताया कि उसने अपने सीएसआर (कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) कोष के माध्यम से सात करोड़ रुपये का योगदान दिया है, जबकि उसके कर्मचारियों ने अपने एक-एक दिन का वेतन पीएम-केयर्स कोष में दिया है। कंपनी ने बताया कि इस तरह उसने कुल 15.72 करोड़ रुपये की राशि पीएम-केयर्स कोष में जमा की है।
होंडा इंडिया देगी 11 करोड़ रुपए की सहायता
भारत में होंडा समूह की कंपनियों की कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) शाखा होंडा इंडिया फाउंडेशन ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए बुधवार को 11 करोड़ रुपए की सहायता देने की बात कही। इस पहल के तहत होंडा सरकारी एजेंसियों को उच्चदाब वाले बैकपैक स्प्रेयर के 2,000 इकाइयों की तत्काल आपूर्ति करेगी। इसके अलावा कंपनी गरीबों को खाना भी मुहैया कराएगी। समूह ने एक बयान में कहा कि उसके सभी विनिर्माण संयंत्र स्थानीय प्रशासन के सहयोग के लिए उपलब्ध होंगे।
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