लखनऊ। कहा जाता है कि अगर किसी प्रदेश के मुखिया की सोच विकासवादी हो तो उसका असर जमीन पर दिखाई देता है। सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश विका के रास्ते पर अग्रसर है। वो अपने सभी संबोधनों में कहते हैं कि अवरोध को भी अवसर के रूप में देखना चाहिए। यूपी सरकार एक तरफ जहां अपने संसाधनों का बुद्धिमानी के साथ उपयोग पर बल दे रही है, उसी क्रम में विदेशी निवेश की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। गौतमबुद्ध नगर में यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक प्राधिकरण यानि YEIDA ने मेट्रो कोच बनाने वाली कंपनी पीपीएस समेत 12 कंपनियों को जमीन आवंटित की है। बड़ी बात यह है कि मेट्रो कोट के निर्माण के लिए प्रदेश में पहली इकाई होगी। मेट्रो लाइट और मेट्रो न्यू कोच बनाएगी। इससे पहले मेट्रो कोच का आयात चीन से होता था।
योगी सरकार की पहल, निवेश को मिले नए आयाम
कोरोना महामारी के दौर में निवेश की प्रक्रिया या संबंधित दूसरे विषय पर काम ढीला न पड़े इसके लिए यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने खास कदम उठाए हैं। कंपनियों को ऑनलाइन जमीन आवंटित की जा रही है। अब तक जितनी कंपनियों को जमीन का आवंटन हुआ है उससे यमुना प्राधिकरण इलाके में करीब 248 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इस निवेश से तकरीबन 12 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना बनेगी।
गौतमबुद्ध नगर में पीपीएस कंपनी बनाएगी मेट्रो कोच
यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि पीपीएस इंटरनेशनल कंपनी को 20 एकड़ जमीन आंवटित की गई है, यह भारतीय कंपनी मेट्रो कोच बनाएगी। पहले यह कंपनी 115 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। मेट्रो कोच का निर्माण जर्मन टेक्नोलॉजी पर किया जाएगा जिसमें स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल होगा। यह कोच वर्तमान में चल रही मेट्रो कोच से छोटे होंगे, लेकिन इनकी गति आदि पहले जैसी ही रहेगी। पीपीएस इंटरनेशनल कंपनी अभी भारतीय रेलवे के लिए ओवरहेड इलेक्ट्रिसिटी केबल, केंटिलिवर, इलेक्ट्रिक प्लग्स आदि बनाती है। इसके साथ मेट्रो के लिए भी यह कंपनी उपकरण बनाती है।
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