28 साल की उम्र में शांतनु नायडू नाम के एक युवा ने बिजनेस इंडस्ट्री में वो मुकाम हासिल किया है जो लोगों के लिए एक सपना होता है मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बताया जा रहा है कि शांतनु रतन टाटा को नए स्टार्टअप्स में निवेश करने की टिप्स देते हैं वैसे शांतनु की कंपनी मोटोपॉज कुत्तों के लिए रिफलेक्टर कॉलर बनाती है। शांतनु नायडू अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर 'ऑन योर स्पार्क्स' के साथ लाइव आते हैं वहीं उनकी कंपनी मोटोपॉज है, जो कुत्ते के कॉलर का डिजाइन और निर्माण करती है जो अंधेरे में चमकते हैं ताकि उनके जीवन को चलाने से बचाया जा सके, उनकी कंपनी का कारोबार तमाम जगह फैला है।
बताते हैं कि शांतनु से पहले उनके परिवार के और भी लोग रतन टाटा के लिए काम कर चुके हैं वहीं अपने पिता के कहने पर शांतनु ने टाटा को लेटर लिखा था जिसके जवाब में उन्हें रतन टाटा से मिलने का न्योता मिला उस मुलाकात के दौरान टाटा ने स्ट्रीट डॉग्स प्रोजेक्ट की मदद के लिए पूछा लेकिन शांतनु ने मना कर दिया बाद में रतन टाटा ने जोर देकर निवेश किया और उसके बाद मोटोपॉज की पहुंच देश के कई अलग-अलग शहरों तक हो गई है।
शांतनु ने कॉर्नेल में एडमिशन लिया यहां से शांतनु ने एमबीए किया कोर्स खत्म करने के बाद उन्हें रतन टाटा के साथ काम करने का मौका मिला। साल 2019 में टाटा की ओर से अपना ऑफिस जॉइन करने का न्यौता आ गया शांतनु कहते हैं कि उनके साथ काम करना सम्मान की बात है, इस तरह का मौका जिंदगी में एक ही बार मिलता है।
दिग्गज कारोबारी रतन टाटा भी शांतनु के अच्छे आइडियाज के फैन हैं कहा जाता है कि रतन टाटा के अपने पर्सनल निवेश वाले स्टार्टअप्स में शांतनु नायडू का ही दिमाग होता है यानी शांतनु ने अपने काम से रतन टाटा का दिल जीत लिया है। गौर हो कि रतन टाटा का देश के स्टार्टअप सिस्टम में गहरा विश्वास है वहीं बताते हैं कि जिन स्टार्टअप्स को रतन टाटा का सपोर्ट मिलता है उनकी वैल्यू में अक्सर खासी वृर्द्धि हो जाती है।
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