कोरोना वायरस महामारी के चलते शेयर मार्केट में भी पिछले कुछ महीनों से जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है। पिछले महीने मार्केट 30-35 पर्सेंट तक तेजी से नीचे गिरा और फिर तब से अब तक 15-20 पर्सेंट तक रिकवर हो पाया है। केवल भारत ही नहीं दुनियाभर की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस के कारण डगमगा गई है। अभी तक इसके कोई आसार नहीं है कि कब इस महामारी से दुनिया को छुटकारा मिलेगा इन सबकी वजह से मार्केट पर भी काफी दबाव है। यहां तक कि म्यूचुअल फंड इन्वेस्टेंट पर भी इसका खतरा मंडरा रहा है।
ऐसे मुश्किल समय में म्यूचुअल फंड से पैसों के नुकसान का भी खतरा लगातार बना हुआ है। इससे निजात पाने के लिए म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट में कई तरह की सावधानियां बरतनी पड़ती है। ऐसे में आपको इस बात का ध्यान रखना पड़ता है कि आपने कब किस स्कीम में निवेश किया था और आपने कब तक अपने इन्वेस्टमेंट करने का प्लान बनाया हुआ है।
आपने सुना होगा कि शॉर्ट टर्म में इक्विटी का खतरा होता है। कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में इसका ज्यादा खतरा है यही कारण है कि निवेशकों को लंबे निवेश के तहत इक्विटी म्यूचुअल फंड पर दांव लगाने की सलाह देते हैं। अगर आपने ऐसे स्कीम में निवेश किया है जहां से आपको लांग टर्म फायदा होने की उम्मीद है ऐसे में आपको अपने लक्ष्य पर फोकस कर निवेश को जारी रखना चाहिए। जानिए ऐसे में आपको क्या करना चाहिए
धैर्य बनाए रखें
अगर आप कहीं पर निवेश कर रहे हैं तो सबसे पहली चीज जो जरूरी है वह है आपका धैर्य। धैर्य बनाए रखें। स्टॉक मार्केट अक्सर लांग टर्म में अच्छा परफॉर्म करती हैं, शॉर्ट टर्म में मार्केट क्रैश होने का खतरा बना रहता है, मार्केट बहुत तेजी से ऊपर नीचे होता है जिसमें नुकसान का खतरा काफी होता है। शॉर्ट टर्म मार्केट इन्वेस्टमेंट में आपको नुकसान का रिस्क होता है इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि आप लांग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान जैसे कि 7 से 10 सालों के प्लान को अपनाते हैं तो इससे आपको नुकसान का खतरा कम होता है। इसके लिए आपको धैर्य की आवश्यता होती है।
मनी रिडीम करना अवॉइड करें
अगर आपको लग रहा है कि आपको इन्वेस्टमेंट में नुकसान हो रहा है तो ऐसे में अपने पैसे निकालना अवॉइड करें। जब मार्केट अच्छा परफॉर्म नहीं कर रहा हो तो आप अपने पैसे निकालने के पहले दो बार सोच लें। कई निवेशक ऐसा सोचते हैं कि जब मार्केट डाउन होता है तो वे अपने पैसे रिडीम कर लेंगे और जब मार्केट अच्छा परफॉर्म करेगा तो वे फिर से निवेश कर लेंगे। ये थ्योरी भले ही सुनने में अच्छी लगती है लेकिन प्रैक्टिकल फ्रंट पर ये लाभ का सौदा नहीं है। एक बार अपने पैसे रिडीम कर लेने में निवेशक इंतजार ही करता रहता है कि मार्केट कब अच्छा परफॉर्म करेगा लेकिन ऐसा संयोग बहुत ही मुश्किल से आता है। अंत में उन्हें प्राइस नीचे गिरने पर अपना निवेश बेचना पड़ता है।
दूसरे फंड से करें तुलना
अगर आपको ऐसा लग रहा है कि जिस म्यूचुअल फंड में आपने निवेश किया है वह अच्छा परफॉर्म नहीं कर रहा तो ऐसे में इंतजार करने से अच्छा है कि आप दूसरे ऐसे ही म्यूचुअल फंड के सेम कैटेगरी से अपने म्यूचुअल फंड के परफॉर्मेंस की तुलना करें।
रिसर्च करें
नुकसान का एक दूसरा कारण ये भी होता है कि आपका निवेश एक खास सेक्टर केंद्रित होता है। अगर आपने सेक्टर फंड में निवेश किया है तो ये बस आप तक ही रेलेवेंट होता है। सेक्टर फंड से यहां मतलब है कि किसी खास सेक्टर और इंडस्ट्री में निवेश। यहां तक कि जब मार्केट अच्छा परफॉर्म कर रहा हो तब भी सेक्टर फंड में घाटा होता है। ऐसे में जब सेक्टर अच्छा परफॉर्म नहीं कर रहा तो आपको इसके बारे में और अच्छे से रिसर्च करना चाहिए।
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