नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण के गंभीर मामलों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर राजनीति ना करें। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में जिन लोगों की मौत हुई है उनमें से 82% लोग 50 साल से अधिक उम्र के थे, बुजुर्गों की मौत ज्यादा हो रही है। हमें अपने बुजुर्गों का ख्याल रखना है। घर से बाहर ना निकलें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। आपकी जान हमारे लिए बेहद कीमती है।
सीएम केजरीवाल ने बताया, 'दिल्ली में कोरोना वायरस के 7,000 के करीब मामले हैं इनमें से 1,500 मामले अस्पतालों में हैं। हर केस पर मैं रोज नजर रखता हूं। हमारी कोशिश है कि किसी को मरने नहीं दिया जाए और सब लोग सही सलामत जिंदा अपने घर लौटें। 75% के करीब मामलों में या तो कोरोना के लक्षण नहीं हैं या फिर हल्के लक्षण हैं। ऐसे लोगों को हमने घर पर आइसोलेट करने का इंतजाम किया है।'
कोरोना वारियर्स की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आगे कहा, 'एंबुलेंस की दिक्कत हो रही है। कल हम लोगों ने आदेश निकालकर कई निजी अस्पतालों की एंबुलेंस भी सरकारी सेवा में लगा दी है। वो एंबुलेंस वहां काम करती रहेंगी लेकिन अगर उन्हें फोन जाता है तो उन्हें यहां भी काम करना पड़ेगा। ये कोविड की लड़ाई हमारे डॉक्टर, पुलिस, नर्स, आंगनबाड़ी जैसे कई लोग फ्रंटलाइन पर लड़ रहे हैं। हमारा फर्ज बनता है कि उनके लिए कुछ करें। कोई भी कोविड वॉरियर बीमार पड़ता है तो उसका इलाज करने में अच्छी व्यवस्था करेंगे। वो दिन रात हमारे लिए काम कर रहे हैं और उन्हें ठीक कराना हमारी जिम्मेदारी है।'
विपक्ष पर निशाना
विपक्ष पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा, 'अभी एक पुलिसकर्मी थे हमारे, कुछ दिन पहले कोरोना से लड़ते लड़ते उनकी मौत हो गई। उनके सम्मान में हमने एक करोड़ की राशि का ऐलान किया, इसमें विपक्ष को क्यों तकलीफ है। मेरा सबसे यही निवेदन है कि ये समय राजनीति करने का नहीं है बल्कि ये समय कोरोना से बचने के लिए हम देश, समाज और लोगों के लिए क्या कर सकते हैं उसका है। मेरा सबसे निवेदन है कि राजनीतिक बयानबाजी ना करें, सरकारों और एक दूसरें की मदद करें।'
प्रवासी मजदूरों से अपील
इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रवासी मजदूरों का जिक्र करते हुए कहा, 'मैं देख रहा हूं कि अभी भी प्रवासी मजदूर अभी भी सड़कों पर एक जगह से दूसरी जगह जाने की कोशिश कर रहे हैं। जब मैं उनकी हालत देखता हूं, उनके इंटव्यूज पढ़ता हूं कि कई दिनों तक पैदल चल रहे हैं। कई लोगों ने अपने बच्चों को कंधों पर रखा है उनकी मदद करने वाला कोई नहीं है। बहुत तकलीफ होती है और ऐसा लगता है कि पूरा का पूरा सिस्टम जैसे फेल हो गया, पूंरी सरकारें जैसे फेल हो गई हैं। मेरी सब लोगों से निवदेन है कि आपको बिल्कुल चिंता करने की जरूरत नहीं। जो लोग फंसे हैं हम उनका इंतजाम कर रहे हैं। हमने आपके खाने और रहने का इंतजाम किया है। मेरी विनती है कि छोड़कर मत जाइए। बहुत जल्द ये लॉकडाउन खत्म होगा। सबको रोजगार मिलेगा, नौकरियां मिलेंगी। ऐसे पैदल मत जाइए।'
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