Delhi's air quality deteriorated: दिल्ली में (delhi) वायु गुणवत्ता (air quality) में और अधिक गिरावट के बाद कई क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया गया।सरकारी एजेंसियों ने पूर्वानुमान व्यक्त किया है कि आगामी दो दिनों में वायु गुणवत्ता और खराब होगी। दिल्ली में AQI 'अत्यंत खराब' श्रेणी में है जो शुक्रवार सुबह 374 और शाम के समय 366 दर्ज किया गया। एक दिन पहले यह 302 था। पृथ्वी विज्ञान की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली ‘SAFAR’ के मुताबिक दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बेहद खराब' श्रेणी में है, एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि इस बार अक्टूबर सबसे अधिक प्रदूषित रह सकता है।
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच AQI को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' तथा 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से विकसित 'समीर' ऐप के अनुसार दिल्ली में 10 निगरानी केंद्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया गया है।
अलीपुर में यह सूचकांक 447, शादीपुर में 441, मुंडका में 419, वजीरपुर में 432, आनंद विहार में 405, बवाना में 413, विवेक विहार में 422, रोहिणी में 401, जहांगीरपुरी में 418 और पटपड़गंज में 405 दर्ज किया गया।
सफर के अनुसार दिल्ली क्षेत्र में हवा की गति बहुत शांत है और अगले दो दिन तक भी इसके ऐसे ही रहने का पूर्वानुमान है।
सफर ने कहा, 'ऐसा पूर्वानुमान है कि 24 और 25 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता ‘अत्यंत खराब’ के उच्चतम स्तर और यहां तक कि ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच सकती है।' सफर ने बताया कि हरियाणा, पंजाब और पड़ोसी क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है और बृहस्पतिवार को इनकी संख्या 1,213 थी। हवा की गति अभी प्रदूषक तत्वों को दिल्ली की तरफ धकेलने के लिए बहुत ज्यादा अनुकूल नहीं है। आज पराली से दिल्ली में पीएम 2.5 का योगदान 17 फीसदी दर्ज किया गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि वायु की गुणवत्ता में और गिरावट दर्ज हो सकती है क्योंकि पीएम 10 और पीएम 2.5 कणों की संख्या हवा में बढ़ रही है। पीएम 10 का व्यास 10 माइक्रोमीटर से कम होता है और पीएम का 2.5 माइक्रोमीटर से कम होता है। ये हवा में मौजूद बेहद सूक्ष्म प्रदूषक कण होते है।
ईपीसीए का कहना है लोगों को कोविड-19 से जुड़ी सभी गाइडलाइंस का इस समय पालन करना चाहिए। खासकर जब भी बाहर निकलें मास्क जरूर पहनें। यही आपको प्रदूषण और कोरोना की दोगुनी मार से बचा सकता है। सभी विभागों को GRAP के तहत सभी कदम उठाने के निर्देश जारी किए गए हैं। धूल उड़ने से रोकने, मलबा ढककर रखने, आग आदि के मामलों से सख्ती से निपटे।
आईएमडी के अतिरिक्त महानिदेशक ने कहा, 'वायु गुणवत्ता आगामी दो दिनों में यानी 24 अक्टूबर तक और खराब होगी। पराली जलाने के अलावा अन्य कारक भी हैं, जिससे वायु गुणवत्ता खराब हो रही है। इनमें वाहन प्रदूषण और अपशिष्टों को जलाना भी शामिल है।' दिल्ली सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण के बारे में जागरूकता लाने के लिए 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान शुरू किया है जिसके लिए इसने दिल्ली में 100 ट्रैफिक सिग्नलों पर 2,500 पर्यावरण मार्शल तैनात किए हैं। इस अभियान को दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में 26 अक्टूबर से क्रियान्वित किया जाएगा जो 15 नवंबर तक चलेगा।
अभियान की अवधि सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक की होगी।सरकार ने कहा है कि यह एक जागरूकता कार्यक्रम है और इसके लिए किसी तरह का चालान नहीं काटा जाएगा। वहीं पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है बताते हैं कि पंजाब में इस साल पराली जलाने के 8 हजार 55 केस सामने आ चुके हैं जो पिछले साल के मुकाबले 43 फीसदी ज्यादा है।
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