नई दिल्ली: ‘घर-घर राशन’ योजना' को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर लगाते हुए कहा कि इस योजना को लागू करने की सारी तैयारियां पूरी हो गई थीं और अगले हफ्ते से इसे लागू किया जाना था लेकिन दो दिन पहले केंद्र सरकार ने योजना पर रोक लगा दी। अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि कि देश 75 साल से राशन माफिया के चंगुल में है और गरीबों के लिए कागज़ों पर राशन जारी होता है। केजरीवाल ने कहा, '17 साल पहले मैंने इस माफिया के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई थी, हम पर 7 बार ख़तरनाक हमले हुए। मैंने क़सम खाई थी कि कभी ना कभी इस System को ठीक ज़रुर करूंगा।'
70 लाख गरीबों का क्या होगा
CM अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'अगले हफ्ते से घर-घर राशन पहुंचाने का काम शुरू होने वाला था। सारी तैयारी हो गई थी और अचानक आपने 2 दिन पहले इसे क्यों रोक दिया? ये कह के इसे खारिज किया गया है कि हमने केंद्र सरकार से इसकी मंजूरी नहीं ली। ये गलत है। हमने एक बार नहीं 5 बार आपकी मंजूरी ली है। कानूनन किसी मंजूरी की जरूरत नहीं है। राशन की होम डिलिवरी क्यों नहीं होनी चाहिए? आप राशन माफिया के साथ खड़े होंगे तो गरीबों के साथ कौन खड़ा होगा? उन 70 लाख गरीबों का क्या होगा जिनका राशन ये राशन माफिया चोरी कर लेते हैं।'
हमारा मकसद गरीबों का कल्याण
मेरा घर-घर राशन योजना लागू करवाने का एक ही मक़सद है। किसी भी तरह गरीबों को पूरा राशन उनके घर पर मिल जाए। प्रधानमंत्री जी, कृपया मुझे ये लागू करने दीजिए,सारा क्रेडिट आपका। मैं सारी दुनिया से कहूँगा कि ये योजना मोदी जी ने लागू की है। हमारी स्कीम ये कह कर ख़ारिज कर दी गई कि हमने केंद्र सरकार से इसकी मंजूरी नहीं ली।
क्यों नहीं हो सकती है डिलीवरी
अगर इस देश में पिज़्ज़ा, बर्गर, स्मार्टफोन, कपड़ों की होम डिलीवरी हो सकती है तो गरीबों के घरों में राशन की होम डिलीवरी क्यों नहीं होनी चाहिए ? सारा देश जानना चाहता है कि केंद्र सरकार ने ये स्कीम खारिज क्यों की ? मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में यह योजना सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में लागू होनी चाहिए, क्योंकि राशन की दुकानें ‘सुपरस्प्रेडर’ (महामारी के अत्यधिक प्रसार वाली जगह) हैं।
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