दिल्ली में इस साल सार्वजनिक छठ मनाने को लेकर राजनीति कम होने का नाम नहीं ले रही है, ताजा विवाद डीडीएमए का वो आदेश है जिसमें इस बार यमुना नदी के घाट पर छठ पूजा करने की मनाही कर दी गयी है. इसके बाद बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर घाट पर पूजा की अनुमति देने की मांग की है।
उत्तरपूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने सीएम केजरीवाल को भेजे गए पत्र को ट्विटर पर शेयर करते हुए इस मामले पर अरविंद केजरीवाल की चुप्पी पर सवाल उठाया है। मनोज तिवारी ने सीएम केजरीवाल से पूछा है कि दिल्ली सरकार ने यमुना किनारे छठ करने के लिए प्रस्ताव डीडीएमए को क्यों नहीं भेजा? तिवारी का आरोप है कि दिल्ली सरकार शुरू से ही छठ पूजा के विरोध में थी।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष दिल्ली के उपराज्यपाल और उपाध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं, दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मांग कि है कि डीडीएमए में बीजेपी का कोई सदस्य नहीं है ऐसे में छठ पूजा को लेकर एक आपातकालीन बैठक बुलाई जाए जिसमें दिल्ली के सभी सांसद हों ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।
दिल्ली में छठ पूजा की इजाजत को लेकर सड़क पर भी काफी राजनीतिक घमासान हो चुका है। मनोज तिवारी ने इस मुद्दे को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री के घर के बाहर प्रदर्शन भी किया था। उसके बाद ही अरविंद केजरीवाल ने अनुमति दिए जाने की मांग को लेकर उपराज्यपाल को पत्र लिखा था, हालांकि छठ पूजा की 'परमिशन पॉलिटिक्स' पर विवाद थम नहीं रहा है। कोविड से पहले दिल्ली में हर साल बड़ी धूमधाम और आस्था के साथ छठव्रती इकट्ठे होकर यमुना के पानी मे उतरकर सूर्य को अर्घ्य दिया करते थे लेकिन लग रहा है कि इस बार ऐसी तस्वीर नहीं दिखाई पड़ेगी।
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