नई दिल्ली. राजस्थान के मयंक प्रताप सिंह ने इतिहास रच दिया है। मयंक ने महज 21 साल की उम्र में राजस्थान न्यायिक सेवा की परीक्षा में टॉप किया है। ऐसे में वह सबसे कम उम्र के जज बन जाएंगे। हालांकि, हाईकोर्ट का जज बनने के लिए उन्हें इंतजार करना पड़ेगा।
राजस्थान न्याय सेवा में इस साल न्यूनतम उम्र 23 साल से घटाकर 21 साल कर दी गई थी। मनीष ने इसी का फायदे उठाते हुए अपने पहले ही प्रयास में टॉप किया था। मयंक ने एक इंटरव्यू में बताया कि नौवें सेमेस्टर में थे तब उन्हें इस परीक्षा के बारे में पता चला।
मयंक बताया कि इस साल कोर्स पूरा करने के दो महीने बाद ही ये परीक्षा दी है। वहीं, अपनी तैयारियों पर उसने कहा कि मैंने अपनी पढ़ाई को पूरी गंभीरता से लिया। ऐसे में दो महीने में अच्छी-खासी पढ़ाई कर ली थी।
इंटरव्यू में पूछे गए थे ये सवाल
मयंक ने अपने इंटरव्यू में कहा कि इस परीक्षा में सबसे मुश्किल स्टेज इंटरव्यू है। इस इंटरव्यू में हाईकोर्ट के दो जज और लॉ एक्सपर्ट बैठे होते हैं। मंयक बताते हैं कि मेरा इंटरव्यू लगभग आधे घंटे तक चला था।
मयंक ने बताया कि उनसे इंटरव्यू में सबरीमाला केस से जुड़े सवाल पूछे गए थे। इस मामले का फैसला एक दिन पहले ही आया था। मैंने इसके बारे में पढ़ा था। ऐसे में मुझे जवाब देने में कोई भी दिक्कत नहीं आई थी।
मार्च-अप्रैल में हुई थी प्रारंभिक परीक्षा
राजस्थान न्यायिक सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा मार्च-अप्रैल में हुई थी। मयंक ने इसी साल राजस्थान से बीएएलएलबी का कोर्स पूरा किया था। मयंक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अदालत में कई मामले पेंडिंग हैं। ऐसे में अपना योगदान देना चाहता हूं।
मयंक के फैमिली बैकग्राउंड की बात करें तो उनके माता-पिता दोनों ही उदयपुर के एक सरकारी स्कूलों में सीनियर टीचर हैं। वहीं, उनकी बड़ी बहन कॉलेज में इंजीनियरिंग पढ़ाती हैं। मयंक पढ़ाई के कारण जयपुर में अकेले रहते हैं।