मुंबई. 26 नवंबर 2008 एक ऐसी तारीख जो हर एक भारतीय के लिए खौफनाक सपने से भी बदतर है। पाकिस्तान से आए लश्कर ए तौएबा के 10 आतंकियों द्वारा तीन दिन तक चले मौत के खूनी में 166 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे। इन 166 लोगों में एक्टर आशीष चौधरी की बहन और जीजाजी भी शामिल हैं।
आशीष चौधरी की बहन मोनिका छाबरिया और उनके जीजाजी अजीत छाबरिया ट्राएडंट होटल में स्थित टिफिन रेस्टोरेंट में डिनर कर रहे थे। इस दौरान दो आतंकी- फाहदुल्ला और अब्दुल रहमान छोटा ने फायरिंग कर दी थी।
आशीष दो दिन तक होटल के बाहर खड़े रहे। दो दिन बाद उन्हें अपनी बहन की मौत की खबर मिली। आशीष चौधरी ने मुंबई मिरर से बातचीत में कहा था कि, '26/11 मुंबई हमले के बाद मैं 40 दिनों तक डिप्रेशन में चला गया था। ये मेरे पूरे परिवार के लिए बुरा वक्ता था।
परिवार में हुए कई हादसे
आशीष कहते हैं, 'मेरे पिता की एडवर्टाइजिंग एजेंसी डीफ्रॉड हो गई थी। वहीं, मेरी वाइफ समिता डिप्रेशन से जूझ रही थीं। मेरी मम्मी का एक्सीडेंट हो गया और उनके दाहिने हाथ और रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर आ गया था।
बकौल आशीष- 'मेरा बेटा अगस्त, जो उस वक्त केवल 19 साल का था, उसका भी हाथ टूट गया था। यहां तक कि मेरे तीन साल के डॉग की आंख की रोशनी चली गई और उसके सारे अंग खराब हो गए थे।'
11 और छह साल के थे बच्चे
आशीष चौधरी अपनी बहन को याद करते हुए कहते हैं कि, मोनिका के दोनों बच्चे कनिष्क और अनन्या उस वक्त 11 और छह साल के थे। उन लोगों ने उस वक्त सबसे बुरा दौर देखा था।
धमाल फिल्म के एक्टर आखिर में कहते हैं, 'मेरी बहन सभी लोगों को खूब प्यार किया करती थीं। वह मेरी बहुत बड़ी फैन थीं। मैं जो भी करता था वह उसे बढ़ावा देती हैं। आज भी उनकी तारीफ मुझे याद आती है।'
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