छोटे पर्दे पर महाभारत शो देखने वालों को समय ने जरूर प्रभावित किया होगा। दरअसल, शो में समय ही कथाकार है जो दर्शकों को महाभारत की कहानी सुनाता है। शानदार सेट्स और किरदारों में डूबे कलाकारों के साथ समय द्वारा शो की प्रस्तुति को दर्शकों ने बहुत सराहा था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महाभारत में कैसे समय को कथाकार के तौर पर रखा गया और ये किसका आइडिया था!
जब महाभारत शो बन रहा था, तो इसकी प्रस्तुति को लेकर कई तरह की तैयारी चल रहे थी। सभी लोग यही सोच रहे थे कि किसे इसके प्रस्तोता के तौर पर पेश किया जाए। कई किरदारों पर चर्चा चल रही थी लेकिन किसी के भी कहानी सुनाने से इसकी निष्पक्षता प्रभावित हो सकती थी।
समय को कथाकार के रूप में शो में दिखाने का आइडिया महाभारत शो के लेखक व स्क्रीनप्ले राइटर डॉ. राही मासूम रजा का था। महाभारत शो में कर्ण का किरदार निभाने वाले पंकज धीर ने बताया कि डॉ. राही मासूम रजा ने कहा था कि महाभारत की कहानी को समय द्वारा दर्शकों को सुनवाते हैं। और इस तरह उनका ये आइडिया शो के लिए ट्रंप कार्ड बन गया। हालांकि तब किसी ने नहीं सोचा था कि उनकी ये सोच दर्शकों की अगली गई पीढ़ियों तक को पसंद आएगी।
बी आर चोपड़ा और रवि चोपड़ा का महाभारत शो 1988 में प्रसारित हुआ था। शो के कुल 94 एपिसोड आए थे और हर एपिसोड करीब एक घंटे का होता था। इस शो का मूल कॉन्सेप्ट व्यास द्वारा रचित महाभारत से लिया गया था। इसमें नितिश भारद्वाज ने कृष्ण का किरदार निभाया था। भीष्म का किरदार में मुकेश खन्ना, अर्जुन का फिरोज खान ने, भीम का प्रवीण कुमार, कर्ण का पंकज धीर, द्रोपदी का किरदार रूपा गांगुली ने निभाया था।
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