कचनार का पेड़ औषधिय क्षमता से भरा होता है। इसके फूल ही नहीं पत्तियां, तना और जड़ सब में कुछ न कुछ ऐसी खूबियां हैं जो मानव शरीर के लिए दवा की तरह काम करती हैं। कचनार का फूल यदि गुलाबी रंग का हो तो ये सबसे ज्यादा औषधिय गुणों से भरा माना जाता है। इस फूल में फोड़े-फुंसी ही नहीं किसी भी तरह के गांठ को खत्म करने की शक्ति होती है। ब्रेस्ट कैंसर में भी इसका प्रयोग औषधिय के रूप में किया जाता है। ब्लड से जुड़ी समस्या या स्किन से संबंधित परेशानी हर चीज में ये काम आता है। दाद, खाज-खुजली, एक्जीमा, फोड़े-फुंसी आदि के लिए भी कचनार की छाल का प्रयोग करना सबसे बेस्ट होता है। इसके औषधिय गुणों का असर तुरंत देखने को मिलता है। तो आइए जानें कचनार का प्रयोग कैसे और किन रोगों में फायदेमंद है।
भंगदर या पाइल्स में बहुत कारगर है
कचनार की छाल के एक चम्मच पाउडर को एक गिलास मठ्ठा यानी छांछ के साथ दिन में कम से कम तीन बार पीएं। ये खूनी बवासीर, भंगदर आदि के लिए अमृत का काम करता है। इसके अलावा कचनार के नर्म फूल को सुखा कर पाउडर बना लें और इसे मक्खन और शक्कर मिलाकर 11 दिन तक लगातार खाएं।
आंतों के कीड़े होंगे खत्म
आंतों में कीड़े हो तो कचनार की छाल को पानी में उबाल कर काढ़ा बना लें और इस काढ़े को रोज कम से कम दो बार पीएं। 11 दिन लगातार पीने से आंत के कीड़े खत्म हो जाएंगे।
शरीर में हो सूजन तो लगाएं लेप
शरीर में कहीं पर भी सूजन आ गई हो या चोट से सूजन हो गई तो कचनार की जड़ को पानी में घीस कर प्रभावित जगह पर लेप लगाएं। याद रखें लेप हमेशा गर्म कर ही लगाना होगा। ऐसा करने से सूजन भी खत्म होगी और दर्द भी कम होगा।
ब्रेस्ट पर होने वाली गांठ हो जाएगी खत्म
कचनार की छाल को पीसकर उसका पाउडर बना लें और एक चम्मच पाउडर लेकर उसमें आधा ग्राम सोंठ मिला दें। अब चावल को धोने के बाद जो पानी बचता है उसमें इस पाउडर को मिलाकर लेपनुमा बना लें। इस लेप को गर्म कर ब्रेस्ट पर लगाएं। इससे ब्रेस्ट कैंसर में भी आराम मिलता है। कुछ दिनों में गांठ गल जाएगी।
मुंह में छाले
कचनार की छाल के काढ़े में कत्था मिलाकर छालों पर लगाएं। छाले को ठीक करने की ये अचूक दवा है।
खांसी और दमा
खांसी और दमा रोगियों के लिए कचनार अमृत समान होता है। शहद के साथ कचनार की छाल का काढ़ा 2 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन करने से बहुत लाभ मिलेगा।
घाव और फोड़े के लिए लाभदायक
कचनार की छाल का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीने से घाव ठीक होता है। इसके काढ़े से घाव को धोना भी चाहिए। इससे घाव तेजी से ठीक होगा।
कचनार के फूल, तने और जड़ तीनों ही औषधिय गुण से भरे होते हैं। ये एक नहीं कई रोगों में काम आते हैं।