नई दिल्ली. खट्टी और मीठी स्वादवाली चटनी, गोलगप्पे के पानी, छोले या सांभर में आप इमली तो डा़लते ही होंगे। हर घर में ये आपको जरूर मिल जाएगी, लेकिन क्या आप जानते हैं ये स्वाद और मुंह का जायका बढ़ाने वाली इमली कई बीमारियों की दवा भी होती है।
कुछ बीमारियों में इमली का सेवन करना मना होता है, लेकिन कई बीमारियों में ये दवा से बढ़ कर काम कर जाती है। इमली एक फल है और ये कच्चेपन में हरी और पकने के बाद गहरे लाल या भूरे रंग की हो जाती है।
इमली मुख्यत: कच्चेपन में खट्टी होती है, लेकिन जब ये पक जाती है तो इसमें प्राकृतिक मिठास आने लगता है। अगर आप ये सोचते हैं कि इमली में केवल स्वाद बढ़ाने का गुण है तो इस धारणा को बदल लें क्योंकि इमली में मौजूद पोषक तत्व, ह्रदय, त्वचा, बाल, मोटापा और पेट संबंधी कई बीमारियों का इलाज करने में सहायक होते हैं।
बढ़ाता है पाचन शक्ति
इमली का पानी जिसमें जीरा, काला नमक आदि मिला हो, वो पाचन शक्ति को बढ़ाता है। इमली में मौजूद पोषक तत्व डाइजेस्टिव जूस को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए यदि आपको अपच हो, दस्त हो या लूज मोशन हो रहे हों तो आप इस पानी को पी सकते हैं।
इमली के बीज में ट्रिप्सिन इन्हिबिटर गुण होते हैं, जो प्रोटीन को बढ़ाने और नियंत्रित करने में कारगर होता है। यही कारण है कि ये हृदय रोग, हाई ब्लड शुगर, हाई-कोलेस्ट्रॉल, हाई-ट्रिगलीसिराइड और वेट कम करने में भी सहायक होता है। खून को पतला भी बनता है इससे कोलेस्ट्रॉल रोगियों के लिए फायदेमंद है।
दिल की धड़कन को करता है सही
इमली में दिल की असामान्य धड़कन को सही करने की क्षमता होती है। इमली नर्वस सिस्टम को मजबूत करता है। इसमें कैल्शियम बहुत होता है और यही कारण है के नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाने में सहयोग करता है।
यूरिन इंफेक्शन में इमली का पानी बेहद कारगर होता है। इस पानी को पीने से बैक्टिरिया का फैलना रुकता है और यूरिन ज्यादा होने से इंफेक्शन भी ठीक होता है। साथ ही शरीर की मांसपेशियों में होने वाले दर्द, खास कर कमर दर्द में बहुत काम आती है।
इन लोगों को नहीं करना चाहिए इमली का प्रयोग