नई दिल्ली: आयुर्वेद में गुड़हल के फूल को औषधी माना गया है। ये कई ऐसे रोगों के इलाज में काम आता है जो सामान्यत: गंभीर मानी जाती है। गुड़हल का फूल एक फूल नहीं है। इसका प्रयोग दवा और सौंदर्य निखार के लिए भी किया जाता है।
गुड़हल के फूल में विटामिन सी, मिनरल, आयरन, फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट बहुतायत से पाए जाते हैं और खास बात ये है कि ये शरीर में गुड हार्मोंस का बहाव बढ़ाता है। ये शरीर की कई कमियों को दूर करता है और मूड बूस्टर का भी काम करता है।
एस्ट्रोजन हार्मोंस महिलाओं में यदि कम हो तो उन्हें पीरीयड से रिलेटेड दिक्कते आने लगती हैं। ऐसे में गुड़हल का फूल बहुत काम आता है। इस फूल की चाय यदि पीना शुरू कर दिया जाए तो ये पीरियड्स से रिलेटड दिक्तों को आसानी से दूर कर देती है। साथ ही इस फूल के बीज की दो कलियों को एक हफ्ता लगातार सुबह खाली पेट खा लें।
वेट कम करने में कारगर
गुड़हल में एंटी-ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाएं जाते हैं और ये मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाने में भी कारगर हैं। इस फूल की चाय यदि रोज दो से तीन कम पीने की आदत डाल ली जाए तो ये तेजी से वेट लॉस करता है।
गुड़हल ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के साथ धमनियों में जमा फैट को भी पिघलाता है। यही कारण है कि इसकी चाय पीने से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। गुड़हल में विटामिन सी बहुत होता है और ये मुंह में छाले होने की समस्या को खत्म करने में कारगर होता है । छाले होने पर फूल को चबा-चबा कर खाना चाहिए।
तनाव व डिप्रेशन
गुड़हल की चाय डिप्रेशन और स्ट्रेस को कम करने वाली होती है। गुड़हल में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट न केवल दिमाग को शांत रखते हैं बल्कि मूड को बनाने वाले भी होते हैं। गुड़हल के फूल की पत्तियों को पीसकर उसमें शहद मिला लें।
गुणहल की पत्तियों को शहद में मिलाकर चेहरे पर मिला लें। पिंपल्स, दाग-धब्बे, झाइयों-झुर्रियों आदि की समस्या दूर हो जाएगी। गुड़हल के फूल की पत्तियों को पीस कर खुजली वाली जगह,सूजन तथा जलन वाली जगह पर लगाने से कुछ ही पलो में राहत मिल जाती है।
ऐसे बनाएं गुड़हल के फूल की चाय