जयपुर : लद्दाख में चीन के अतिक्रमण पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। गहलोत ने कहा है कि सर्वदलीय बैठक में पीएम को यह बयान नहीं देना चाहिए था कि 'लद्दाख में चीन की तरफ से कोई घुसपैठ नहीं' हुई है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए गहलोत ने रविवार को कहा कि 'सीमा पर क्या हुआ, इसके बारे में प्रधानमंत्री को देश को बताना चाहिए।' राजस्थान के मुख्यमंत्री गलवान घाटी में 15 जून को हुए भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बारे में अपनी बात रखते हुए यह बयान दिया।
19 जून को हुई वर्चुअल सर्वदलीय बैठक
बता दें कि गत 19 जून को पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विपक्ष के नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक की और इस बैठक में उन्होंने कहा कि 'हमारी जमीन पर न तो किसी ने एक इंच घुसपैठ की है और न ही हमारा कोई पोस्ट किसी के कब्जे में है।' गलवान घाटी के संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, 'सर्वदलीय बैठक में पीएम ने लद्दाख के बारे में जो बयान दिया। मुझे लगता है कि उन्होंने जानबूझकर या अनजाने में चीन को सर्टिफिकेट दे दिया, जैसा कि वह चाहता था। पीएम ने इस तरह का बयान देकर एक बड़ी गलती की है। इस तरह का बयान देने की जरूरत नहीं थी। उन्हें अब अपना बयान वापस लेना चाहिए।'
एलएसी के सही हालात के जानकारी दें पीएम-गहलोत
गहलोत ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की वास्तविक स्थिति क्या है, इसके बारे में जानकारी देने के लिए कांग्रेस ने सरकार से मांग की है। चीन के साथ संबंधों पर बात करते हुए उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी को चीन की मंशा समझनी चाहिए।' उन्होंने कहा, 'चीन के इतिहास से हम सभी लोग परिचित हैं। 1962 में हमारी उसके साथ लड़ाई हुई। यहां तक कि उसने 1965 और 1972 के युद्ध में पाकिस्तान का साथ दिया। मोदी ने मुख्यमंत्री रहते हुए चार बार और पीएम के रूप में पांच बार चीन की यात्रा की है। वह चीन के राष्ट्रपति से अब तक 18 बार मिल चुके हैं। वह अहमदाबाद में चीन के राष्ट्रपति के साथ झूले में भी बैठे। यह ऐसे समय हुआ जब सीमा पर उसके साथ झड़पें चल रही थीं। मोदी को तभी चीन के इरादों को भांप लेना चाहिए था।'
'पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंध हुए खराब'
भारत के पड़ोसी देशों के साथ हाल में आए तनावों के लिए गहलोत ने एनडीए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'साल 2014 में जब से एनडीए सरकार सत्ता में आई है, हमारे सभी पड़ोसी देशों की भावनाएं हमारे खिलाफ हो गई हैं। पाकिस्तान पहले ही हमारे खिलाफ था। श्रीलंका में भी भारत विरोधी भावनाएं बढ़ गई हैं। नेपाल जो कभी हिंदू देश था, वह पूरी तरह चीन के नियंत्रण में आ गया है। अब वह हमारी जमीन लेना चाहता है।'
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