नई दिल्ली: गुजरात के कच्छ जिले के नाना दिनारा गांव का पशुपालक इस्माइल सामा जो 2008 में लापता हो गया था और बाद में पाकिस्तानी जेल में पाया गया था, उसे 14 जनवरी को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद रिहा कर दिया गया है। इस्माइल अमृतसर में भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी की ब्रांच में पहुंच गया है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने उसे भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया था।
नाना दिनारा गांव, कच्छ जिले के भुज तालुका में भारत-पाकिस्तान सीमा से लगभग 50 किलोमीटर दूर खावड़ा के पास स्थित है। इस्माइल 28 अगस्त 2008 को लापता हो गया था और उसकी पत्नी कामाबाई का मानना है कि उसके पति ने अपना रास्ता खो दिया और अनजाने में सीमा पार कर पाकिस्तान में चले गए थे या पाकिस्तानी सीमा रक्षकों द्वारा उनका अपहरण कर लिया गया था।
9 साल बाद परिवार को पता चला
'इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के अनुसार, लगभग एक दशक तक परिवार को उसके बारे में कोई खबर नहीं थी। अक्टूबर 2017 में पास के एक गांव के मूल निवासी रफीक जाट पाकिस्तान से रिहा होने के बाद घर लौट आए और उन्होंने सूचित किया कि वह और इस्माइल कराची की जेल में एक साथ थे।
4 साल डिटेंशन सेंटर में रहे
जासूसी के आरोप में इस्माइल को अक्टूबर 2011 में पाकिस्तान की एक अदालत ने पांच साल की जेल की सजा सुनाई थी। अक्टूबर 2016 में उनकी सजा पूरी हो गई लेकिन वो चार साल से अधिक समय तक पाकिस्तान के एक डिटेंशन सेंटर में रहे क्योंकि भारतीय अधिकारियों को उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि करने में समय लगा।
2 जनवरी को कुलभूषण जाधव मामले में सुनवाई के दौरान भारत कथित तौर पर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाया कि इस्माइल सामा को पाकिस्तान में जेल की सजा काटने के बाद भी हिरासत में रखा गया है। हाई कोर्ट ने 14 जनवरी को फिर से मामले की सुनवाई करते हुए 22 जनवरी को इस्माइल की रिहाई का आदेश दिया था।
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