विशाखापट्‌टनम गैस लीक हादसा: रात के 2.30 बजे शुरू हुआ गैस का रिसाव, जानवर हांफने लगे

देश
आलोक राव
Updated May 07, 2020 | 13:54 IST

Vizag Gas Leak Tragedy: संयंत्र जहां पर स्थित है उसके आस-पास करीब 20 गांव हैं। गैस का रिसाव जब शुरू हुआ तो लोग सो रहे थे। लोगों को पता नहीं चला कि सांस लेने में उन्हें तकलीफ क्यों हो रही है।

LG Polymer chemical plant in Vizag left hundreds sick and at least many dead
विशाखापत्तनम में गैस लीक होने से बड़ी संख्या में मुर्छित हुए लोग।  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • विशाखापत्तन के रासायनिक संयंत्र से रात के 2.30 बजे शुरू हुआ गैस का रिसाव
  • गैस के रिसाव के समय सो रहे थे लोग, संयंत्र के आस-पास करीब 20 गांव हैं
  • इलाके में तीन से चार किलोमीटर दूर तक महसूस की गई गैस, सांस लेने में हुई दिक्कत

नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम स्थित एलजी पॉलीमर रासायनिक संयंत्र से हुए गैस रिसाव में अब तक 8 लोगों के मौत हो गई है जबकि सैकड़ों की संख्या में लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। हादसे के बाद करीब 20 गांवों के लोगों को दूसरी जगहों पर ले जाया गया। इस रासायनिक संयंत्र से रात के ढाई बजे स्टाइरीन गैस का रिसाव होना शुरू हुआ। गनीमत है कि इसकी चपेट में ज्यादा लोग नहीं आए नहीं तो यह हादसा कहीं बड़ा हो सकता था। संयंत्र से गैस जब लीक होनी शुरू हुई उस समय लोग सो रहे थे। 

तीन से चार किलोमीटर दूर तक महसूस की गई गैस
संयंत्र जहां पर स्थित है उसके आस-पास करीब 20 गांव हैं। गैस का रिसाव जब शुरू हुआ तो लोग सो रहे थे। लोगों को पता नहीं चला कि सांस लेने में उन्हें तकलीफ क्यों हो रही है। गैस के संपर्क में आने वाले लोग मुर्छित होकर सड़क पर गिरने लगे। बेहोश होने वालों में बच्चे भी शामिल हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब वे जगे तो उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगी। प्रशासन को जब इस हादसे की भनक लगी तो वह तत्काल हरकत में आया। सरकार ने एनडीआरएफ, राजस्व और पुलिस विभाग के कर्मियों को तुरंत गांवों की तरफ रवाना किया। गांवों में पहुंचे अधिकारी घर-घर गए और लोगों को वहां से बाहर निकाला गया। लोगों से घर छोड़कर तीन-चार किलोमीटर दूर जाने के लिए कहा गया।   

Gas leak

पुलिस एवं एंबुलेंसकर्मी भी हुए मुर्छित 
क्षेत्र में तीव्र हवा के चलते गैस ने कम समय में ज्यादा दूरी कर ली। रिसाव होने की बात पता चलने पर पुलिसकर्मी एवं एंबुलेंसकर्मी जब प्रभावित गांवों में पहुंचे तो वे भी मुर्छित होने लगे। गैस से बचाव के लिए उनके पास पर्याप्त मास्क न होने की बात सामने आई। गैस के संपर्क में आने से जो लोग मूर्छित हुए उन्हें अलग-अलग अस्पताल पहुंचाया गया। बेहोश होने वालों में बच्चे भी शामिल हैं। घरों के बाहर जानवर बांधे गए थे वे भी हांफते पाए गए। सभी गांवों में कमोबेश यही हालत देखी गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि केवल गांव में नहीं बल्कि पूरे इलाके में गैस का रिसाव महसूस किया गया।

gas leak

संयंत्र दोबारा शुरू किया जा रहा था
इस बीच एनडीआरएफ के प्रमुख ने एस एन प्रधान ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान विशाखापत्तनम में बंद पड़ी प्लास्टिक संयंत्र में काम-काज दोबारा शुरू किया जा रहा था तभी यह घटना हुई। अधिकारी ने कहा कि रिसाव होने के कारण 80 से 100 लोगों को अस्पतालों में भर्ती किया गया है। प्रधान ने बताया कि यह स्टाइरीन गैस है जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, गले, त्वचा, आंखों और शरीर के कुछ अन्य अंगों को प्रभावित करती है।

जगन रेड्डी विशाखापत्तनम रवाना
विशाखापत्तनम में गैस रिसाव की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक गौतम सवांग ने कहा कि संयंत्र के लोग सभी सुरक्षा मानक एवं प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन कर रहे थे। घटना कैसे हुई इसकी जांच की जा रही है। घटनास्थल पर फॉरेंसिंक की टीमें भेजी जा रही हैं। वहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी विशाखापत्तनम के लिए रवाना हो गए हैं। मुख्यमंत्री किंग जॉर्ज अस्पताल में भर्ती पीड़ित लोगों के हाल का जायजा लेंगे। 

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