एथेंस (ग्रीस) : भारत को घरेलू एवं वैश्विक मंच पर कमजोर करने के इरादे से पाकिस्तान एवं तुर्की मिलकर काम कर रहे हैं। भारत में राजनीतिक अस्थिरता एवं देश-विरोधी तत्वों को एक साथ लाने के लिए ये दोनों देश नई दिल्ली के खिलाफ चल रहे 'सूचना युद्ध' का हिस्सा हैं। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। 'ग्रीक सिटी टाइम्स' में पॉल एंटोनोपोउलस ने 'द अनएंडिंग वार : फ्राम प्रॉक्सी वार टू इंफो-वार' में इस बात का विश्लेषण किया है। इस लेख में पॉल ने हैरानी जताई है कि कैसे 'सूचना युद्ध' का समर्थन करने एवं एक-दूसरे को मदद पहुंचाने के लिए इस्लामाबाद ने तुर्की का सहयोग लिया है। पॉल का कहना है कि भारत को कमजोर करने के लिए पाकिस्तान अपनी परियोजनाओं और खालिस्तानी तत्वों का एक गठजोड़ तैयार किया है।
रिपोर्ट में पाक के के-2 साजिश का पर्दाफाश
इस रिपोर्ट में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की के-2 (कश्मीर-खालिस्तान) साजिश का पर्दाफाश करते हुए कहा गया है कि 'सूचना यु्द्ध' इस साजिश का अहम हिस्सा है और इस साजिश का नेतृत्व पीटर फ्रेडरिक कर रहे हैं जो 'ऑर्गनाइजेश फॉर इंडियन माइनॉरिटीज' (ओएफआईएम) नाम से एक समूह चलाते हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत के खिलाफ इस समय एक 'वैश्विक सूचना युद्ध' चलाया जा रहा है। पॉल का कहना है कि अब तरीका बदल कर 'छद्म युद्ध से सूचना युद्ध' हो गया है।
भारतीय हितों को निशाना बनाना है इनका इरादा
रिपोर्ट की मानें तो भारत के खिलाफ यह साजिश और अभियान साल 2007 से चल रहा है। इस अभियान का एक ही मकसद-भारतीय हितों को निशाना बनाना है। पॉल का कहना है इसे चार तरीकों से किया जा रहा है। इनकी कोशिश आइडिया ऑफ इंडिया को निशाना बनाना है। ये अहिंसा एवं महात्मा गांधी के आदर्शों की जगह 'फासिस्ट इंडिया' की तस्वीर पेश करना चाहते हैं। दूसरा, भारत की क्षेत्रीय अखंडता को निशाना बनाने के लिए ये अपने के-2 डिजायन एवं एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। इसके लिए भारतीय मूल के अमेरिकी नेताओं के खिलाफ काम करते हुए भारतीय हितों को निशाना बनाया जा रहा है। इसके अलावा काबुल गुरुद्वारा में हुए विस्फोट मामले में आईएसआई को क्लिनचिट देते हुए पुलवामा हमले पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
पाकिस्तान का साथ दे रहा तुर्की-रिपोर्ट
'ग्रीक सिटी टाइम्स' की इस विस्तृत रिपोर्ट में आगे बताया गया है भारत के खिलाफ इस 'सूचना युद्ध' में तुर्की कैसे जुड़ा हुआ है और वह कैसे नई दिल्ली के हितों के खिलाफ 'गलत बातें फैलाने' में पाकिस्तान का सहयोग कर रहा है। इस रिपोर्ट में उन नामी-गिरामी लोगों के नाम भी हैं जो सोशल मीडिया में भारत के खिलाफ प्रोपगैंडा में शामिल हैं। पीटर के प्रोपगैंडा को हवा देने में सबसे ज्यादा भूमिका पाकिस्तान के कैबिनेट मंत्रियों एवं सोशल मीडिया इन्फलुएंसर्स और कॉन्स्टैंटिनापॉल के अली केस्कीन की है।
अली केस्कीन की भूमिका अहम
'ग्रीक सिटी टाइम्स' की इस रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस 'सूचना युद्ध' के लिए पाकिस्तान की आईएसआई और तुर्की की खुफिया एजेंसी (एमआईटी) के बीच तालमेल, सहयोग एवं संपर्क स्थापित कराने में केस्कीन ने बड़ी भूमिका निभाई है। केस्कीन के ट्विटर फीड को देखने से जाहिर होता है कि उन्होंने यूनान, संयुक्त अरब अमीरात, इजरायल और फ्रांस के खिलाफ सैकड़ों की संख्या में प्रोपगैंडा सामग्रियों को फैलाया है। रिपोर्ट के मुताबिक 'न्यूज संगठनों की जांच-पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ है कि भारत-यूएई के प्रगाढ़ होते संबंधों से परेशान अली केस्कीन ने अपने पाकिस्तानी सहयोगियों के साथ मिलकर बॉयकॉट यूएई नाम से हैशटैग चलाया जो मिनटों में टॉप ट्रेंड में शामिल हो गया।'
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