इस्तांबुल: कश्मीर में पाकिस्तान के साथ मिलकर आतंक फैलाने की साजिश रच रहे तुर्की के लिए इराक से बुरी खबर आई है जहां उसके 13 सुरक्षाकर्मियों की हत्या हो गई है। इन सुरक्षा कर्मियों में तुर्की के सैनिक तथा पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। कुर्दिश छापामार गुट पीकके ने तुर्की के सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाया और अपहरण कर उत्तरी इराक में एक गुफा के अंदर बेहद निर्मम तरीके से इनकी हत्या कर दी है।
निर्मम तरीके से की हत्या
आपको बता दें कि इराक और तुर्की की सीमा पर पीकेके गुरिल्ला के छापामार पिछले 3 दशक से तुर्की की सरकार के साथ संघर्ष कर रहे हैं। तुर्की के सैनिकों की इस बार पीकेके गुरिल्ला छापमारों ने बेहद निर्मम तरीके से हत्या की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 12 सैनिकों का सिर काटा गया वहीं एक सैनिक के सिर में गोली मारी गई है। तुर्की के तमाम राजनीतिक दलों ने इस हमले की निंदा की वहीं विपक्ष ने इसके लिए बड़बोले राष्ट्रपति एर्दोगान को जिम्मेदार ठहराया है।
एर्दोगान आए निशाने पर
तुर्की ने उत्तरी इराक के गारा क्षेत्र में पीकेके के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया, जो तुर्की सीमा के दक्षिण में लगभग 35 किमी (22 मील) दूर है। 10 फरवरी को अपने सीमांत क्षेत्र को सुरक्षित करने और अपह्रत नागरिकों को खोजने के लिए सैनिक निकले थे। सैनिकों की हत्या तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगान विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। वही इस घटना के बाद एर्दोगान अमेरिका बुरी तरह से भड़क उठे हैं। रक्षा मंत्री हुलुसी अकार ने एक बयान में कहा कि सैन्य अभियान के दौरान चालीस पीकेके आतंकवादी मारे गए, जबकि तीन तुर्की सैनिक मारे गए और तीन घायल हो गए। उन्होंने कहा कि अपहृत तुर्की के सैनिकों में से बारह को सिर में और एक को कंधे में गोली लगी थी।
पीकेके समूह 3 दशक से ज्यादा समय से कर रहा संघर्ष
पीकेके की वेबसाइट पर एक बयान में कहा गया है कि तुर्की के खुफिया, पुलिस और सैन्य कर्मियों सहित कुछ कैदी पकड़े गए थे, इस क्षेत्र में झड़पों के दौरान उनकी मौत हो गई थी। समूह ने इस बात से इनकार कर दिया कि उसने कभी कैदियों को चोट पहुंचाई थी। पीकेके ने कहा है कि उसने तुर्की के सैनिकों की मौत तुर्की की सेना के हवाई हमले की वजह से हुई। पीकेके को तुर्की, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा एक आतंकवादी समूह के रूप में नामित किया गया है। 1984 में पीकेके ने मुख्य रूप से कुर्द दक्षिण-पूर्व तुर्की में अपनी सशस्त्र विद्रोह की शुरूआत की थी और अभी तक संघर्ष में 40,000 से अधिक लोग मारे गए है।