कानपुर: वो स्पेशल 26 की तर्ज पर धोखाधड़ी करते के। वो पुलिस वालों की नाक के नीचे अपराध को अंजाम देते थे। करीब दो से तीन साल तक उनका ठगी का खेल चलता रहा। लेकिन अब वो सलाखों के पीछे हैं। फर्जी आइआरएस सेवा, रॉ और सीबीआइ अधिकारी बनकर ठगी करने वाला गिरोह का पुलिस भंडाफोड़ कर दिया है। इटावा पुलिस ने उन शातिर ठगों के गिरोह को उनकी जगह पहुंचा चुकी है। यह बात अलग है कि शातिर ठगों लोगों से करोड़ों रूपए वसूलने में कामयाब रहे।
खुफिया एजेंसी के अधिकारी बनकर करते थे शिकार
पुलिस का कहना है कि आरोपी कभी वित्त मंत्रालय के विजिलेंस उपायुक्त के नाम का फर्जी कार्ड तो कभी खुफिया एजेंसी रॉ तो कभी सीबीआई आफिसर बनकर लोगों के साथ ठगी किया करते थे। आरोपियों के कब्जे से फर्जी दस्तावेज, नीली बत्ती लगी इनोवा कार, दो हथियारों के लाइसेंस, एक रायफल, देसी तमंचा और पिस्टल बरामद की गई।
यूपी के कई जिलों मे था नेटवर्क
पुलिस का कहना है कि गैंग को हैंडल करने वाला मनीष कुमार काफी शातिर है। दो तीन साल से वो खुद को बड़ा अफसर बता कर दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, इटावा समेत कई जिलों में लोगों को करोडो़ं का चूना लगा चुका था। इनके काम करने का तरीका भी अलग था। वो जिसे अपना निशाना बनाते थे उसके खिलाफ यूपी सरकार के जनशिकायत पोर्टल आइजीआरएस पर शिकायत करते थे। उसके बाद ही एक टीम बनाकर छापेमारी के लिए पहुंचते थे और इस तरह से पीड़ित पर दबाव बनाकर मोटी रकम ऐंठते थे।
बैंक में अधिकारी था गिरोह का सरगना
इटावा पुलिस का बताती है कि सरगना मनीष एक सरकारी बैंक में प्रोबेशनरी अधिकारी थीष । लोन में की गई धोखाधड़ी में बर्खास्त किया गया था उसके बाद से ही उसने फर्जीवाड़े को अंजाम देना शुरू किया। पहले तो उसने आइआरएस अधिकारी का फर्जी आइकार्ड और फर्जी वेबसाइट बनाई। वो अपने तौरतरीकों से शिकार को फंसाता था और उसके साथ ठगी करता था। वो नोएडा के सेक्टर-93 में किराये के मकान में रह रहा था। वहीं पर इसका दूसरा साथी अमरोहा का योगेश कुमार भी रहता था। इटावा के ही रहने वाले दो पत्रकार भी पहले से उसके संपर्क में थे।
Kanpur News in Hindi (कानपुर समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharatपर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।