नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक एनकाउंटर में गैंगस्टर विकास दुबे को मौत के घाट उतार दिया। लेकिन जिस तरीके से ये एनकाउंटर हुआ उस पर खूब सवाल उठ रहे हैं। इसे फर्जी एनकाउंटर कहा जा रहा है। लेकिन इस एनकाउंटर के लिए उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) डॉ. विक्रम सिंह ने यूपी पुलिस की तारीफ की है। उन्होंने उन लोगों को भी जवाब दिया जो कि ये सवाल उठा रहे हैं कि विकास दुबे के बहाने सरकार एक जाति विशेष के लोगों को निशाना बना रही है। डॉ. विक्रम सिंह ने टाइम्स नाउ हिंदी से खास बातचीत की है। उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस ने पूरे मनोयोग से अपना दायित्व निभाया है। पुलिस बधाई की हकदार है। विवाद खड़ा कर पुलिस का मनोबल ना तोड़ें।
पूर्व डीजीप ने कहा, 'वर्तमान में जो कानपुर में जो मुठभेड़ हुई है और विकास दुबे गिरोह पर जो कार्रवाई हुई है उसकी सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। मेरा किसी राजनीतिक दल से संबंध नहीं है। एक सामान्य नागरिक होने के नाते मैं ये निवेदन करना चाहूंगा कि उत्तर प्रदेश पुलिस, कानपुर की पुलिस और STF के बहादुर कमांडोज ने जो कार्य किया है, वो बहुत ही उत्कृष्ट है। उनके कार्यों से न सिर्फ कानपुर और उत्तर प्रदेश सुरक्षित है, बल्कि उन्होंने पूरे मनोयोग से अपनी पूरी प्रतिभा को निचोड़ कर हमें आपको सुरक्षित करने के लिए अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है।'
डॉ. सिंह ने आगे कहा, 'हमारे कुछ मित्र उनकी आलोचना कर रहे हैं। जातीयता का पुट डाल रहे हैं। हमारे मृतक अधिकारियों में से क्या कुछ उस बिरादरी के नहीं थे। बिरादरी और संप्रदाय मेरा विषय नहीं रहा है। लेकिन मैं उनको बताना चाहूंगा कि शहीद डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा किस जाति के थे। मैं फिर कहूंगा कि जाति-बिरादरी नगण्य है। खून का रंग लाल होता है और सबका होता है। कृपया इनको शहादत को हल्का न करें। मैं कहूंगा कि यूपी पुलिस के जो अच्छे कार्य हैं, उनकी प्रशंसा करें। जहां कहीं आलोचना की बात आती है, हमारा-आपका अधिकार है कि ये सकारात्मक और सार्थक हो।'
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