मुंबई। बम्बई उच्च न्यायालय ने कोविड-19 से निपटने और राज्य में गरीबों के लिए रियायती दरों पर भोजन योजना के वास्ते महाराष्ट्र सरकार को यहां सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट से धन हस्तांतरण पर कोई अंतरिम रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि बाद में धन से संबंधित कोई अनियमितता पाई गई, तो वह सरकार को राशि वापस करने का निर्देश देगी।
फंड ट्रांसफर पर है विवाद
एक वकील लीला रंगा ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर 19 मार्च, 25 जून और 25 जुलाई, 2020 की तिथि में तीन सरकारी प्रस्तावों (जीआर) को चुनौती दी थी जिसमें मंदिर ट्रस्ट समिति को पांच-पांच करोड़ रुपये राज्य की ‘शिव भोजन’ योजना और कोविड-19 से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करने के लिए कहा गया था।
इस मामले में अब अक्टूबर में होगी सुनवाई
रंगा के वकील प्रदीप संचेती ने तर्क दिया कि ये प्रस्ताव श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट (प्रभादेवी) अधिनियम, 1980 के प्रावधानों के तहत ‘‘अवैध’’ हैं।मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति रेवती मोहित देरे की खंडपीठ ने कहा कि इस स्तर पर वह कोई भी स्थगन आदेश नहीं दे रही है।
पीठ ने महाराष्ट्र सरकार और श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट प्रबंधन समिति को याचिका के जवाब में अपने हलफनामे दाखिल करने को कहा।
पीठ ने याचिका को सुनवाई के लिए अक्टूबर के पहले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
Mumbai News in Hindi (मुंबई समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।